निदेशक आयुर्वेद अरुण कुमार त्रिपाठी को अपने कार्यभार के साथ-साथ आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुल सचिव का दायित्व भी दिया गया था लेकिन आज लगभग 20 दिन बाद भी वह अपने पद पर ज्वाइन नहीं कर सके जिसके चलते एक बार फिर शासन के आदेश और आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के अहम टकराते हुए दिखाई दे रहे हैं।। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय और आयुर्वेद निदेशालय के बीच लंबे समय से घमासान छिड़ा हुआ है और इस पूरे मामले में सरकार तथा शासन मूकदर्शक बना हुआ है।
पिछले दिनों आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद को लेकर अरुण कुमार त्रिपाठी ने शासन के आदेश बाद प्रभारी कुलसचिव राजेश कुमार अदाना को मूल तैनाती पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए आदेश दिया था।। शासन की ओर से पहले डॉ मृत्युंजय कुमार मिश्रा को निलंबन अवधि समाप्त होने के बाद कुलपति पद पर बहाल किया था लेकिन विवाद होने के बाद उन्हें ज्वाइनिंग से पहले ही हटा दिया गया था । निदेशक आयुर्वेद अरुण पांडे के आदेश के बाद अब प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश कुमार ने उल्टा कुलपति के माध्यम से डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी निदेशक आयुर्वेद निदेशालय का उल्टा जवाब तलब कर लिया है।