उत्तराखंड में सरकारी सिस्टम की लापरवाही प्रदेश को न केवल राजस्व का नुकसान कर रही है बल्कि कई मायनों में इसने प्रदेश के सुस्त सरकारी सिस्टम का भी खुलासा हो रहा है। मामला यमुना कॉलोनी स्थित मंत्रियों के सरकारी आवास का है जहां दो करोड़ों की शानदार कोठिया भूतिया खंडहर में तब्दील हो रही है तो वही सरकारी व्यवस्था की सुस्ती को पूर्व मंत्री की एक नेम प्लेट भी जाहिर कर रही है। देहरादून में मंत्रियों के आवास इन दिनों नई सरकार के विभिन्न मंत्रियों को आवंटित हो रहे हैं, इस बीच यमुना कॉलोनी में ही दो ऐसी कोठिया भी है जो मंत्रियों के लिए बनाई गई है और इससे पहले दिनेश धनई और किशोर उपाध्याय भी मंत्री रहते इन कोठियों में रह चुके हैं.. लेकिन अब यह आलीशान भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है, राज्य संपत्ति विभाग प्रदेश में ऐसी संपत्तियों की देखरेख करता है लेकिन यमुना कॉलोनी की यह आलीशान और बेशकीमती कोठियों को देखने वाला कोई नहीं है, स्थिति यह है कि अब यहां घास-फूस और गंदगी का अम्बार है और इससे ये कोठियां खराब हो रही हैं। सरकारी सिस्टम की लापरवाही को यमुना कॉलोनी की यह कोठिया बयां करती है, लेकिन इससे हटकर एक तस्वीर दूसरी भी है जिसने अधिकारी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। आपको बता दें कि सरकार गठन हुए कई दिन हो चुके हैं और अब नए मंत्रियों को भी नई गाड़ियों से लेकर सुख सुविधाओं से जुड़े सामान मुहैया कराए जा रहे हैं लेकिन यमुना कॉलोनी की एक कोठी अब भी पूर्व मंत्री यतीश्वरानंद के नाम से मौजूद है। आपको बता दें कि यतिस्वरानंद पूर्व की भाजपा सरकार में मंत्री रहे हैं, हालाकिं इस बार वे चुनाव हार गए हैं। इसके बावजूद अब भी उनके नाम की नेमप्लेट यमुना कॉलोनी की कोठी में बनी हुई है।