देहरादून। माननीय न्यायालय सिविल जज (सी. डि.) ने श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में निषेधाज्ञा का आदेश पारित किया हुआ है। विश्वविद्यालय परिसर के भीतर व बाउंड्रीवाल से 100 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी प्रकार का धरनाए प्रदर्शनए तालाबंदीए या यातायात अवरूद्ध करने और उसका कारण बनने से निषेधित किया है। इसके बावजूद सोमवार को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय मंे 5 लोग जिनमें 3 छात्र चन्दन नेगीए पार्थ जुयालए राहुल जुयाल और 2 अन्य ऋषभ रावत एवम् कुलदीप सिंह उर्फ सोनू सरदार पैट्रोल लेकर विश्वविद्यालय की छत पर चढ़ गए। कोर्ट के आदेशों के विरूद्ध इन सभी पाॅचों ने विश्वविद्यालय की शांति व्यवस्थाए शैक्षणिक व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया। विश्वविद्यालय परिसर मंे पुतला दहन किया व अराजकता का माहौल बनाए रखा। उधर सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि पैसा लेनाए मामले की मांडवाली के लेकर एबीवीपी के 2 छुटभइये नेताओं के गुट आपस में भिडे हुए हैं। एबपीवी के इन छुटभइये नेताओं में सिर.फुटव्वल का दौर जारी है।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के वरिष्ठ विधि विशेषज्ञों ने
इस मामले का गहनता से अध्ययन किया है। सोमवार के सम्पूर्ण घटनाक्रम की वीडियोग्राफी व सभी साक्ष्यों की विधिक आलोक में गहन जाॅच की गई। माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने वाले सभी अराजक तत्वों पर संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज होंगे। विश्वविद्यालय में धरना कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय कों 5 दिनांे से कब्जे में ले रखा है। जिसके चलते विश्वविद्यालय मंे परीक्षाएं एवम् शैक्षणिक गतिविधियों बाधित हो रही हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद विश्वविद्याय परिसर में धरना प्रदर्शन जारी है। सोमवार को शांति भंगएबलवाए पुतला दहन किया गया। माननीय न्यायालय के आदेशों के विपरीत धरना प्रदर्शन गैरकानूनी है। यह माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है।
प्रेशर पाॅलीटिक्स करके कुछ अराजक तत्व विश्वविद्यालय पर दबाव बनाना चाहते हैं। धरनारत छात्रों पर बलवाए शांति भंगए धरने का दबाव बनाकर रंगदारी मांगना की धाराओं में पहले से ही मुकदमा दर्ज है। माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर अराजक तत्वों ने अपनी परेशानी को और बढ़ा दिया है। मुकदमें के अनुसार धरनारत छात्रों के धरने का उद्देश्य एसजीआरआर विश्वविद्यालय में बलवाए शांति भंगए धरने का दबाव बनाकर रंगदारी मांगना व विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान पहुंचाना है। अब अराजक तत्व दबाव बनाकर मांगे मनवाना चाहते हैं और मुकदमे वापिस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं।
इस घटनाक्रम में एबवीपी के कुछ छुट्टभइये नेताओं ने संगठन की फजीहत करा दी है। एबीवीपी के शीर्ष नेतृत्व ने छुट्भइये नेताओं की हरकतों को बचकाना बताया है। एबीवीपी के शीर्ष नेतृत्व ने छुट्टभइये नेताओं को आंदोलन से हटने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि छात्रहितए देशहित को समर्पित एबीवीपी की छवि को खराब न करें। इस पूरे घटनाक्रम से एबीवीपी की छवि पर कुठाराघात हुआ है।
उधर श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन व श्री दरबार साहिब के समस्त कर्मचारियोंए सेवकों व संगतांे में भारी आक्रोश है।