देहरादून, प्रदेश के आबकारी विभाग ने 20 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक 329 वनडे बार लाइसेंस जारी किए गए जिससे विभाग को भले ही लाखों रुपए की आमदनी हुई हो लेकिन इस बात को लेकर यह सवाल भी उठ रहे हैं कि जिन रेस्टोरेंट होटल में वनडे बार लाइसेंस जारी किया गया वहां शराब बेची गई या महज सर्विस देकर काम चलाया गया। आबकारी आयुक्त द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देहरादून 208, नैनीताल में 82, हरिद्वार में 5, अल्मोड़ा में 8, पौड़ी में 13, टिहरी में 10 वनडे बार लाइसेंस की अनुमति दी गई। जिला स्तर पर दिए गए लाइसेंस को लेकर अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग के द्वारा कैटेगरी निर्धारित की गई है जिसमे दो हजार से लेकर 20 हजार तक शुल्क जमा करने के बाद लाइसेंस जारी किए गए है। उन्होंने बता कि देहरादून में वैडिंग प्वाइंट, होटल,रेस्टोरेंट को लाइसेंस जारी किए गए थे जिससे सरकारी राजस्व जमा किया गया है। हालाकि इस बात को लेकर भी सवाल उठ रहे है जब वन डे बार लाइसेंस की व्यवस्था के तहत शराब बेची नहीं जा सकती तो फिर इतनी बड़ी संख्या में लाइसेंस लेना कितना सही रहा ? वही जिनको वन डे लाइसेंस दिए गए वहां की जांच आबकारी विभाग द्वारा की भी गई या नहीं, कहीं दावत के नाम पर शराब बेची तो नही गई??