देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में सिफारिशी नियुक्तियां कराने वालों को बड़ा संदेश दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने पूर्व शिक्षा मंत्री की उस सिफारिश को दरकिनार कर दिया है, जिसमें उन्होंने रिटायरमेंट के करीब पहुंचे अधिकारी के सेवा विस्तार की सिफारिश की थी. इतना ही नहीं सहूलियत के हिसाब से चिकित्सा शिक्षा में तैनाती पाने वालों पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने निगाहें टेढ़ी कर दी हैं.उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं के प्रचार-प्रसार का काम देखने वाले आईईसी के प्रभारी जीसी पांडे अब रिटायर (IEC in-charge GC Pandey retires) हो गए हैं. यह वही अधिकारी हैं जिनके सेवा विस्तार को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के विधायक अरविंद पांडे ने स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से सिफारिश की थी. अरविंद पांडे की इस सिफारिश को दरकिनार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने सिफारिश पाने वाले अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया है. वैसे इसको लेकर कांग्रेस भी विरोध करते हुए भाजपा सरकार में सिफारिशी काम होने का आरोप लगा रही थी, लेकिन सरकार ने इस सिफारिश को दरकिनार कर कांग्रेस के मुंह पर भी ताला लगा दिया है. खास बात ये है कि कि स्वास्थ्य विभाग में ऐसे कर्मचारियों को भी कड़ा संदेश दिया जा रहा है जो सहूलियत के हिसाब से दूसरे विभाग में नियुक्ति पाए हुए हैं. बता दें स्वास्थ्य विभाग के कई चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सा शिक्षा विभाग में काम कर रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया है कि बिना एनओसी के काम करने वाले ऐसे अधिकारी वापस अपने विभाग में काम करेंगे. दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग में कई पदों के लिए कोई ढांचा नहीं है, लिहाजा स्वास्थ्य मंत्री ने अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए नियमावली बनाने के निर्देश दिए हैं.