प्रत्येक तीन माह में शिक्षक संघों के साथ संवाद करेंगे विभागीय मंत्री

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देहरादून,

अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन माह की 10 तारीख तक जारी करने के निर्देश

प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संघों के निदेशालय स्तर से जुड़े प्रमुख मांगों का निस्तारण एक माह के भीतर करना होगा। जबकि शासन स्तर से संबंधित मुद्दों पर भी कार्यवाही में तेजी लाई जायेगी। विभागीय मंत्री प्रत्येक तीन माह में शिक्षक संघों के साथ बैठक कर निदेशालय एवं शासन स्तर से जुड़े मुद्दों के समाधान की स्वयं समीक्षा करेंगे। विभागीय अधिकारियों को भी शिक्षक संघों के उच्च पदाधिकारियों के साथ माह में एक बार बैठक करने के निर्देश दिये गये। सूबे में क्वालिटी एजुकेशन के लिए शिक्षकों से सहयोग का अहवान किया गया। अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों एवं कार्मिकों का वेतन माह की 10 तारीख तक जारी करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज विभानसभा स्थित सभागार में प्रदेशभर के विभिन्न शिक्षक संघों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी मांगों पर चर्चा की। डॉ0 रावत ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न शिक्षक संगठनों की निदेशालय स्तर की मांगों का निराकरण एक माह के भीतर किया जाय तथा शासन स्तर से संबंधित मांगों पर कार्यवाही में तेजी लाई जाय। उन्होंने महानिदेशक शिक्षा एवं निदेशकों को माह में एक बार शिक्षक संघों के उच्च पदाधिकारियों के साथ बैठक कर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार सहित अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श के निर्देश दिये। डॉ0 रावत ने कहा कि वह स्वयं भी तीन माह में एक बार शिक्षक संगठनों के साथ बैठकर उनके मांगों निराकरण एवं राज्य में शिक्षा के उन्नयन पर चर्चा करेंगे। बैठक में राजकीय शिक्षक संघ अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी एवं महामंत्री डॉ0 सोहन सिंह मांझिला ने अपने संगठन से जुड़े एक दर्जन से अधिक मांगे रखी। जिसमें वार्षिक स्थानांतरण सत्र को बहाल करने, प्रभारी प्रधानाचार्यों को वेतन अहरण का अधिकार देने, प्रधानाध्यापकों की प्रोन्नति, एससीईआरटी का ढ़ांचा एनसीईआरटी की तर्ज पर लागू करने, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित एवं वर्ष 2006 में नियुक्त प्रवक्ताओं की वरिष्ठता का निर्धारण प्रवीणता श्रेणी से किये जाने, सातवें वेतनमान के अनुरूप चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान में एक वेतन वृद्धि का लाभ दिये जाने, स्वतः सत्रांत लाभ सहित अनेक मांगे रखी। बैठक में उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष पी.सी. सुयाल एवं महामंत्री अवधेश कौशिक ने सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में राजकीय की भांति प्रदेश स्तर पर राज्य लोक सेवा आयोग अथवा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से नियुक्ति की जाय, चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ किया जाय, समग्र शिक्षा योजना से अच्छादित किया जाय, छात्र-छात्राओं को निःशुल्क टैबलेट वितरण का लाभ दिया जाय, शिक्षकों एवं कार्मिकों को राजकीय की भांति अटल आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड सुविधा से अच्छादित किया जाय, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों वर्ष 2016 की भांति तदर्थ सेवाओं का लाभ सेवानिवृत्ति देयकों में अनुमन्य किया जाय, राजकीय शिक्षकों की भांति नवीन सामूहिक जीवन बीमा का लाभ देने सहित विद्यालय के रख-रखाव एवं भौतिक संसाधनों को सुरक्षित रखने हेतु 5 प्रतिशत छमाई अनुदान देने की मांग रखी। बैठक में उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ0 अनिल शर्मा ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, अशासकीय विद्यालयों में प्रत्येक माह की पहली तिथि को वेतन भुगतान करने, चयन, प्रोन्नत वेतनमान, प्रोन्नति, वरिष्ठता, पेंशन निर्धारण, ग्रेच्युटी आदि में तदर्थ सेवाकाल की गणना करने, प्रधानाचार्य और शिक्षक चयन प्रक्रिया में पीएचडी, एम0एड0, खेलकूद, अन्य पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाओं एवं शैक्षिक अनुभव के अधिभार अंक वर्ष 2018 से पूर्व की भांति करने, चार वर्षीय एकीकृत बी0एड0 की डिग्री अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों के चयन प्रक्रिया में मान्य करने, कक्षा-अनुभाग का निर्धारण राजकीय विद्यालयों की भांति करने की मांग रखी। बैठक में प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पू.मा.) शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवीर पुण्डीर ने केन्द्रीय शिक्षा व्यवस्था की तर्ज पर समस्त शिक्षकों को तीन संवर्गों में विभाजित करने अथवा जूनियर हाई स्कूलों के शिक्षकों को एलटी घोषित करने, ऐसे उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों का पृथक संचालन कर प्रारम्भिक शिक्षकों के द्वारा ही प्रधानाध्यापक हाईस्कूल तक पदोन्नति करने, जब तक जूनियर हाई स्कूलों के शिक्षकों की नियमावली एवं सेवा शर्तें निर्धारित नहीं की जाती तब तक समस्त उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों का पृथक-पृथक संचालन करने, विलीनीकरण एवं एकीकरण प्रक्रिया से पूर्व शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित कर प्रत्येक संवर्ग के शिक्षकों की सेवा शर्तों को निर्धारित करने, जूनियर सहायक एवं प्रधानाध्यापक प्राथमिक की 30 प्रतिशत एलटी के पदों पर समायोजन हेतु नियमावली में संशोधन कर पदोन्नत शब्द के स्थान पर समायोजन शब्द लिखने की मांग रखी।