मंत्री पद से प्रेम चंद अग्रवाल की विदाई के बाद सरकारी मुलाजिम सोशल मीडिया पर कर रहा सरकार की फजीहत…..

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देहरादून। हाल ही में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के विवादित बयान के चलते उन्हें अपने पद से हाथ धोना पड़ा, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब सरकार के ही एक मंत्री के स्टाफ में मौजूद मुलाजिम सरकार की फजीहत कराने में जुटे हुए हैं। मंत्री के स्टाफ में शामिल एक सरकारी कर्मचारी सोशल मीडिया पर इस कदर सक्रिय हो गया है जैसे इस राजनीतिक घमासान से उसे कोई व्यक्तिगत लाभ मिलने वाला हो। जानकारी के मुताबिक, यह सरकारी मुलाजिम लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सवाल उठा रहा है। वह विपक्ष के आरोपों को हवा देने का काम कर रहा है और सरकार की कार्यशैली पर तीखी टिप्पणियो को शेयर कर रहा है। यह स्थिति सरकार के लिए असहज हो गई है, क्योंकि एक ओर जहां पार्टी और सरकार इस विवाद से बाहर निकलने की कोशिश में हैं, वहीं दूसरी ओर उनके ही तंत्र का एक हिस्सा इस आग में घी डालने का काम कर रहा है।

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इस पूरे घटनाक्रम के बाद सरकार की परेशानी बढ़ गई है। आमतौर पर सरकारी कर्मचारी राजनीतिक मामलों में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से बचते हैं, लेकिन इस मामले में स्थिति अलग नजर आ रही है। मंत्री के स्टाफ में शामिल यह सरकारी मुलाजिम सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने में पीछे नहीं हट रहा है। इससे विपक्ष को भी सरकार पर निशाना साधने का और मौका मिल गया है।

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सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मामले को लेकर गंभीर हो गई है और संबंधित कर्मचारी की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। संभव है कि इस संबंध में जल्द ही कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाए।

क्या कहता है नियम?

सरकारी सेवा नियमावली के अनुसार, कोई भी सरकारी कर्मचारी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता और न ही किसी पार्टी विशेष के पक्ष या विपक्ष में सार्वजनिक बयानबाजी कर सकता है। सरकारी कर्मचारी का काम सरकार की नीतियों और योजनाओं को लागू करना होता है, न कि राजनीतिक मामलों में दखल देना।

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इस मामले में अगर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ जांच होती है और उसे नियम विरुद्ध आचरण का दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

सरकार की चुनौती

अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह इस मामले को किस तरह से संभालती है। क्या संबंधित कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई होगी, या फिर सरकार इस मामले को अनदेखा कर आगे बढ़ेगी? यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म हैं और सोशल मीडिया पर भी इस पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।