उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी में आज पूर्व सैनिकों और सैनिक परिवारों को चुनावों से पहले रिझाने की तो कोशिश की लेकिन एक सवाल ने पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं की बोलती बंद कर दी.. यह पूरा घटनाक्रम कांग्रेस की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुआ जब दिल्ली से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता समेत प्रदेश प्रभारी भी एक मंच पर मौजूद थे।
उत्तराखंड में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला से लेकर राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव बल्लव तक आज उस समय बगले झांकने लगे जब वह खुद प्रदेश में चुनाव से पहले केंद्र की सेना को लेकर गलत नीतियों की बात रख रहे थे। दरअसल रणदीप सुरजेवाला और गौरव बल्लव केंद्र सरकार द्वारा सैनिकों का सम्मान ना करने से जुड़े कुछ आंकड़े और बातें रख रहे थे लेकिन इस दौरान एक सवाल ने मंच पर बैठे सभी नेताओं को असहज कर दिया, कांग्रेसी नेताओं द्वारा रखी गई बात के बाद जब उनसे सवाल पूछा गया कि पार्टी मोदी सरकार पर सेना का सम्मान नहीं करने का आरोप लगा रही है लेकिन कांग्रेस के ही सैन्य प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रिटायर्ड कैप्टन बलवीर रावत को मंच पर जगह देने के बजाय किनारे खड़ा रखा जा रहा है, सवाल किया गया कि कांग्रेस ने प्रदेश में पूर्व सैनिकों को कितने टिकट दिए हैं। यह सवाल आते ही मंच पर मौजूद बड़े-बड़े नेता बगले झांकने लगे और आनन-फानन में फौरन मंच पर प्रदेश अध्यक्ष बलवीर रावत के लिए कुर्सी मंगाई गई, जिसके बाद सैन्य प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बलवीर रावत मंच पर जगह पा सके। वैसे आपको बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी के देहरादून जनसभा के दौरान भी बलवीर रावत कि मंच पर मौजूदगी के दौरान उन्हें राहुल गांधी से दूर करने से जुड़ी तस्वीरें खूब वायरल हुई थी। जाहिर है कि कांग्रेस में पूर्व सैनिक और परिवारों को साधने की कोशिश तो की लेकिन वह अपना मैनेजमेंट फुल प्रूफ करना भूल गई। पार्टी में पदाधिकारी पूर्व सैनिकों को ही सम्मान नहीं मिलने के सवाल से पार्टी बचती हुई नजर आई।