राज्य के अधिकारियों की नौकरी मानो जैसे चुगलखोरी पर ही चल रही है एक के बाद एक मामला अधिकारियों की चुगली के चलते सरकार को असहज करते हुए दिखाई दे रहे हैं।। इस बात की जानकारी उच्च स्तर तक भी है लेकिन अधिकारियों की आपसी लड़ाई के बीच पड़ने से हर कोई बच रहा है ।। राज्य के हालात सुधारने के लिए सूबे के मुखिया दिन रात मेहनत कर रहे हैं लेकिन अधिकारी आपसी लड़ाई के बीच उनके अच्छे कार्यों पर भी पलीता लगा रहे है। उनकी आपसी चुगली बाजी एक दूसरे की पोल खोल रही है जिससे पूरा सिस्टम ही हासिए पर आ रहा है।।। अधिकारियों के पास बैठने वाले चंद जयचंदो के कानों में राज योजनाबद्ध तरीके से पहुचाए जाते है और फिर उसका प्रचार शुरू हो जाता है। वही मुख्यमंत्री कार्यालय में खुद को नजदीकी बताने वाले कई लोगो को बाहर का रास्ता दिखाने की भी तैयारी की जा रही है जिससे सरकारी कार्य प्रभावित ना हो।। दरअसल शासकीय मीटिंग में बैठने को लेकर भी चर्चाएं हैं कि आखिरकार यह लोग किसकी अनुमति से बैठकों में उपस्थित होते हैं और फिर अंदर होने वाली बातचीत को बाहर तक बयां कर देते हैं जिससे सरकार के गोपनीय कार्य भी सबके सामने आ जाते हैं।।