देहरादून, राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है जहां स्वास्थ्य मंत्री अधिकारियों को मेडिकल कॉलेजों से मरीज को रेफर ना करने की हिदायत देते रहे तो वहीं अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए खुद सरकार के परिवहन मंत्री चंदन राम दास को ही रेफर कर दिया जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के हालात क्या है ।। भले ही विभागीय मंत्री लाख बैठक कर अधिकारियों को नसीहत देते रहे लेकिन उसका असर धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है सिर्फ सरकारी कागजों में ही राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो रही है जबकि धरातल पर आज भी हालात बद से बदतर ही हैं राज्य के परिवहन मंत्री का उपचार कर पाने में नाकाम दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल अन्य मरीजों के उपचार के लिए कितना गंभीर होगा यह खुद में समझा जा सकता है हालांकि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने रेफर को लेकर भी अलग ही तर्क देते हुए कहा कि डॉक्टर छुट्टी पर होने के चलते रेफर किया जा सकता है।। अब भला राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के ही हालात ऐसे हैं तो राज्य के दुरुस्त पहाड़ी क्षेत्रों में बने अस्पताल भला रेफर सेंटर कैसे ना बने ।। विभागीय मंत्री आए दिन स्वास्थ्य, स्वास्थ्य शिक्षा की बैठकें लेकर अधिकारियों को व्यवस्था बेहतर करते हुए मरीज को रेफर ना करने की नसीहत देते रहे है दून अस्पताल के चिकित्सक राज्य के परिवहन मंत्री की हालत को सही बता रहे है अब सवाल उठाना भी लाजमी है जब मंत्री की सांस लेने में तकलीफ को ही दून मेडिकल कॉलेज जैसा बड़ा संस्थान सुधार नहीं पाया तो गंभीर मरीजों के इलाज के लिए क्या दून अस्पताल एक मुफीद सेंटर होगा इस पर अभी विचार करने की खुद सरकार को जरूरत है।।।