देहरादून: राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिकारियों को मितव्ययिता के निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन दून मेडिकल कॉलेज में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। हाल ही में कॉलेज में हुई लैपटॉप खरीद को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेज ने हरिद्वार जनपद से कोटेशन के माध्यम से लाखों रुपये खर्च कर लैपटॉप खरीदा, जबकि कॉलेज राजधानी देहरादून में स्थित है, जहां बेहतर और किफायती दरों पर लैपटॉप उपलब्ध हो सकते थे। इस अनियमितता को लेकर मामला चर्चाओं में है, और सरकार की मितव्ययिता नीति की अवहेलना के आरोप लग रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, लैपटॉप खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई और यह सवाल उठ रहा है कि राजधानी में बेहतर विकल्प होने के बावजूद हरिद्वार से खरीदारी क्यों की गई। इस प्रकरण ने मेडिकल कॉलेज की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकारी खर्चों में पारदर्शिता और मितव्ययिता सुनिश्चित करने के दावों के बीच ऐसी घटनाएं शासन की नीति पर सवालिया निशान लगा रही हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में कोई कार्रवाई होती है या यह मामला भी अन्य विवादों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
