देहरादून, उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में कोरोनाकाल से ही खरीदारी का दौरा खासा बढ़ गया है लगातार खरीददारी पर फोकस कर रहे अधिकारी अब सरकार और शासन के रडार पर आ गए हैं। खरीदारी में धांधली को लेकर तमाम शिकायतें हो रही हैं जिसके बाद जांचों का सिलसिला भी शुरू हो गया है राज्य में करोड़ों रुपए की लागत से खरीदे गए लैब इन बैग का मामला विभागीय गलियारों में चर्चाओं का विषय बना हुआ है दरअसल करोड़ों की लागत से खरीदे गई मशीन में लगने वाली दवा ( रिएजेंट) तक नहीं खरीदी गई हैं जो बताती है कि बिना किसी जरूरत की यह मशीनें सिर्फ निजी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिहाज से खरीदी गई हैं सूत्रों की माने तो शासन स्तर से इस पर जांच भी कराई जा रही है जिसमें कई बड़े खुलासे होने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है दरअसल विभाग के द्वारा खरीदी गई है मशीनें शुरुआत से ही विवादों और चर्चाओं में रही है जिसको देखते हुए जवाब तलब भी किए जा रहे हैं, पहले स्वास्थ्य महानिदेशालय और उसके बाद वर्ल्ड बैंक में भी इन्हीं मशीनों का खरीदा जाना सिस्टम की मंशा पर भी सवाल खड़े कर रहा है कि आखिरकार एक ही मशीन महानिदेशालय और वर्ल्ड बैंक कैसे एडजस्ट की गई ?? जबकि सूत्रों बताते है कि जनपदों से लंबे समय तक इसमें लगने वाले रिएजेंट की डिमांड तक भी नहीं भेजी गई थी। हालांकि जांच पूरी होने के बाद खरीदारी में खेल करने वाले मुलाजिमों पर गाज गिरना भी तय माना जा रहा है।।