देहरादून, उत्तराखंड में शराब बेचने का चलन कुछ ऐसा चला की हर गली मोहल्ले में परचून की दुकानों पर शराब के लाइसेंस कोडियों के भाव दिए जा रहे हैं जो बताता है कि आबकारी विभाग किस कदर शराब की दुकानों को खुलवाने के लिए आमादा है। एक तरफ शराब बंदी को लेकर बड़े-बड़े आंदौल और राजनेताओं ने शराब बंदी के दावे किए, तो दूसरी तरफ राजधानी देहरादून का कोई गली मोहल्ला इससे अछूता नहीं है जहां शराब की दुकान ना हो। वर्तमान हालात सिस्टम की मंशा को भी साफ बयां कर रहे है राजधानी देहरादून में ही अकेले लगभग 47 डिपार्टमेंट स्टरों पर शराब बेची जा रही है। जबकि साल 2022 तक प्रदेश भर में ही कुल 37 डिपार्टमेंटल स्टोर पर शराब उपलब्ध थी।। राजधानी देहरादून का कोई गली मोहल्ला ऐसा नहीं बचा होगा जहां परचून की दुकानों पर शराब का लाइसेंस जारी न किया गया हो।। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार एक तरफ शराबबंदी को लेकर बड़े-बड़े दावे करती रही तो वहीं अब राजधानी देहरादून में ही गली मोहल्ले में शराब की दुकान खोलकर सरकार ने साफ कर दिया है कि सिस्टम की असलियत क्या है। तो वही तमाम डिपार्टमेंटल स्टोर ऐसे भी हैं जहां महज नमकीन और ड्राई फ्रूट रखकर डिपार्टमेंटल स्टोर पर शराब की बिक्री हो रही है, अब भला मानक पूरे कराए भी तो कोन?? दरअसल देहरादून में जगह-जगह खुली दुकान राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र भी बनी हुई है कि आखिरकार इतनी बड़ी संख्या में इन दुकानों का खुलने के पीछे का राज क्या है सूत्रों की माने तो पहुंच रखने वाले लोगो को ही लाइसेंस जारी किए गए है।दरअसल 1 साल में ही डिपार्टमेंटल स्टोर खोलने वालों की संख्या इतनी अधिक बड़ी की अब यह व्यवस्था किसी के गले नहीं उतर रही है।।वही भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि जिन स्थानों पर लाइसेंस जारी किए गए है वहां पर नियमो को भी दिखा गया होगा। यदि कहीं पर नियमो की अनदेखी हुई है तो उसकी जांच कराई जायेगी।