दून मेडिकल कॉलेज पर नही लागू होते शासन और आलाधिकारियों के आदेश, आखिरकार किसके इशारे पर चल रही दून की सत्ता…

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देहरादून,

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आदेश तो तत्काल प्रभाव से लागू कर देते हैं लेकिन उनका अनुपालन 10 दिनों तक भी नहीं हो पाता है जिसके चलते उनके आदेश भी हास्यास्पद ही नजर आते हैं दरअसल लंबे समय से दून मेडिकल कॉलेज में जमे तमाम फार्मासिस्ट अभी भी स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग में जाने को तैयार नहीं है जबकि 5 जनवरी को हुए शासन द्वारा आदेश के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक विनीता शाह ने भी 20 जनवरी को शासन द्वारा जारी पत्र के संदर्भ में चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत फार्मासिस्ट संवर्ग के कर्मिको को चिकित्सा शिक्षा विभाग के राजकीय मेडिकल कॉलेज समाप्त करते हुए कार्मिकों को मूल विभाग ने भेजने को कहा गया था आपको बता दें की बीएस नकोटी व विनोद नेगी के द्वारा चीफ फार्मेसिस्ट के पद पर पदोन्नति के फल स्वरुप राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून में संविलियन किए जाने पर अपनी अनिच्छा व्यक्त की गई है उक्त दोनों कार्मिकों को छोड़ते हुए शेष 9 कार्मिकों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के राजकीय मेडिकल कॉलेज से संविदा किए जाने हेतु अनापत्ति दिए जाने संबंधी प्रस्ताव औपचारिकता पूर्ण नहीं पाया गया है पता कार्मिकों को तत्काल उनके मूल विभाग हेतु कार्यमुक्त करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए जाते हैं।। सूत्रों के अनुसार आदेश लागू होने के बाद तमाम फार्मेसिस्ट मंत्रालय तक पहुंचे जहां पर स्वास्थ्य मंत्री के सामने भी उन्होंने आदेशो पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन वहां से भी सशर्त राहत दी गई है विभागीय मंत्री ने फार्मासिस्ट को शपथ पत्र देने के साथ ही अप्रैल में मूल तैनाती पर जाने के बात कही है हालांकि अभी तक किसी फार्मासिस्ट के द्वारा कोई शपथ पत्र नही दिया गया है। तो वही शासन और महानिदेशालय आदेश पर भी 9 फार्मासिस्ट अमल करने को तैयार नहीं है।।