सरकार अपने हिसाब से ही नियम और कानून को तोड़ने मरोड़ने का काम करती रही है दरअसल कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाने को अमादा तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत विभाग के अधिकारियों के उस बयान पर खफा हो कर कैबिनेट बैठक छोड़ कर चले गए थे, जिसमें उनके द्वारा एक जिले में एक ही मेडिकल कॉलेज बनाए जाने का जिक्र किया गया था लेकिन आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि एक जिले में एक से अधिक मेडिकल कालेज खोलने पर रोक नहीं है। लेकिन इसके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गत आठ साल में मेडिकल कालेजों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी कर दी है। एमबीबीएस और पीजी की सीटें भी दोगुनी हो गई हैं। दरअसल, कोटद्वार में मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर बड़ा सियासी ड्रामा हुआ था। पूर्व मंत्री डा. हरक सिंह रावत कैबिनेट बैठक छोड़ 24 घंटे तक कोपभवन में रहे। तब कहा गया कि एक जिले में दो सरकारी मेडिकल कालेज नहीं हो सकते हैं। यहां साफ कर दें कि यह नियम सिर्फ केंद्र की सहायता से खोले जाने वाले मेडिकल कालेज के लिए है। विधानसभा सत्र के दौरान भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने भी अपने क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने का प्रश्न सदन में रखा था लेकिन सवाल का जवाब हर बार की तरह इस बार भी वही रहा एक जनपद में एक ही मेडिकल कॉलेज बनाया जा सकता है।। जबकि केंद्र सरकार में कोई ऐसा नियम ही नहीं है तो फिर सिस्टम सरकार को ही गुमराह करने में क्यों अमादा है
