देहरादून, उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमा चहेतो को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी धन किस कदर लुटाने जा रहा है इसकी बानगी दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में साफ देखी जा सकती है जहां एक डॉक्टर के भरोसे 20 करोड़ से ज्यादा की लागत से तैयार होने वाली कैथ लैब बनाने की तैयारी हो रही है।। जबकि अस्पताल में बने सीसीयू को अभी तक दून के काबिल अधिकारी शुरू नही करा पाए है।। जिसको लेकर विपक्ष ने सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है।। उत्तराखंड स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भले ही तरक्की की ओर बढ़ रहा हो लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग में सरकारी धन को पलीता लगाने का पूरा प्रबंध किया जा रहा है 20 सालों में आधा दर्जन कार्डियोलॉजिस्ट ही उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को मिल सके हैं वर्तमान में तो हालात और भी बदतर है राज्य में एक और दो ही कार्डियोलॉजिस्ट इस समय राज्य के सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं दून मेडिकल कॉलेज में अब कैथ लैब बनाए जाने की तैयारी की जा रही है जिसका प्रस्ताव जल्द ही शासन को भेजा जाएगा अधिकारियों के इस रवैया से एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि उन मशीनों को चलाने के लिए भले ही विशेषज्ञ डॉक्टर और टेक्निकल स्टाफ मिले या ना मिले लेकिन मशीनें लगाकर वाहवाही लूटने का सिलसिला थमना नहीं चाहिए।। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कैथ लैब बनाए जाने को लेकर प्रस्ताव तैयार करवाने की पूरी तैयारी कर ली है वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मचारियों की नियुक्ति के लेकर भी अधिकारियों से गंबीरता बरतने की हिदायत दी है।।वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अब हालात वही वेंटिलेटर जैसे दिखाई दे रहे हैं जब सरकार वेंटिलेटर तो खरीद रही थी लेकिन स्टाफ की तैनाती में कहीं दिलचस्पी नहीं दिखा रही थी जिससे लोगों को रोजगार भी मिल पाता।। वर्तमान में हालात फिर वैसे ही बनते दिखाई दे रहे हैं जिसमें सरकार के कैथ लैब तो तैयार करा रही है लेकिन अभी तक हृदय रोग के डॉक्टरों के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई है जो बताता है कि चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार कितनी आतुर है।। स्वास्थ्य विभाग में जितनी मशीनें लगाई जा रही है यदि उतने ही पदों पर नियुक्ति भी हो जाती तो शायद बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा बेहतर रोजगार की ओर बढ़ पाते, लेकिन सरकार का पूरा फोकस और अधिकारियों की मंशा दोनों ही चहेतों को लाभ पहुंचाने की रही है जिससे ना रोजगार ही सृजित हो पा रहा है और ना ही सरकार की योजनाओं का लोगों को लाभ ही लोगो को मिल पा रहा है।।