चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय में नोकरी में हो रही एडजेस्टमेंट की तैयारी,बेराजगार युवाओं को कैसे मिलेगा सरकारी सेवा का मोका.

ख़बर शेयर करें

देहरादून, उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग में यूं तो नियम और कानून काफी विकराल है लेकिन जब एडजेस्टमेंट चहेतों का हो तो ना नियम काम करते हैं और ना ही कानून काम आता है।।। दरअसल चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय में डाटा एंट्री ऑपरेटर का पद पायल रावत के रिजाइन देने के बाद खाली हो गया है लेकिन चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने अब तक इसकी जानकारी ना उपनल को और ना ही पीआरडी तक को दी, जिससे रिक्त पड़े पद पर हुनरमंद युवाओं को तैनाती दी जा सके।। विभाग में अंदर खाने ही पदों को भरे जाने की परंपरा पूर्व की भांति अभी भी जारी है।। आलम यह है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के नियम और कानून का पालन पूर्ण रूप से करता है लेकिन जब बात अपनों की और सिस्टम के दबाव की होती है तो फिर न नियम काम आते हैं और ना ही कानून।। हालांकि अधिकारी ऐसे सवालों के जवाब में सिर्फ परीक्षण और मामला दिखाने की बात तक ही सिमट कर रह जाते हैं। ना ऐसे मामलों का परीक्षण ही होता है और ना ही इसकी हकीकत ही बाहर निकल कर आ पाती है, जिसके चलते उन बेरोजगार युवाओं के साथ भी खिलवाड़ होता है जो नोकरी की उम्मीद लेकर विभागों की ओर टकटकी लगाए बैठे होते हैं।।