देहरादून देहरादून सर्वे चौक स्थित irdt सभागार में आज राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली व आंगनबाड़ी पुरुस्कार का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तराखंड की 12 महिलाओं और किशोरियों को आज तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया, साथ ही 35 महिलाओं को राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सम्मान दिया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने शिरकत की तो वही विशिष्ट अतिथि के रूप में महिला शसक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या शामिल हुईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपुर विधायक खजानदास जी ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथिगणों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।बाल विकास विभाग की ओर से राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए अल्मोड़ा जिले से साहित्यिक क्षेत्र में कार्य के लिए डॉ. शशि जोशी, खेल के क्षेत्र में कार्य के लिए बागेश्ववर जिले से दीपा आर्य, चमोली जिले से सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए मीना तिवाड़ी, बालिका शिक्षा एवं सामाजिक कार्य के लिए चंपावत जिले से मंजू बाला, पत्रकारिता के क्षेत्र में देहरादून जिले से नलिनी गोसाई, खेल के क्षेत्र में हरिद्वार जिले से प्रियंका प्रजापति, शिक्षा एवं स्वच्छता के क्षेत्र में नैनीताल जिले से विद्या मर्तोलिया, अदम्य साहसिक कार्य के लिए पौड़ी से सावित्री देवी, महिला स्वयं सहायता के क्षेत्र में कार्य के लिए पिथौरागढ़ जिले से दुर्गा खड़ायत, आजीविका संवर्द्धन के क्षेत्र में कार्य के लिए रुद्रप्रयाग जिले से गीता रावत, सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए उत्तरकाशी जिले से लता नौटियाल एवं खेल के क्षेत्र में कार्य के लिए ऊधमसिंहनगर जिले से प्रेमा नौटियाल को सम्मानित किया गया।
महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि तीलू रौतेली और आंगनबाड़ी पुरस्कार के लिए चयनित महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है मैं इस पुरस्कार के चयन के लिए सभी को शुभकामनाएं देती हूं। साथ ही कहा कि इससे अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी।वही कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नही हैं। आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपना परचम लहरा रही हैं। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि समाज मे भ्रूण हत्या एक महापाप है जिससे समाज मे लैंगिक असमानता फैली है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा इसी असमानता को खत्म करने के लिए पूर्व में साईकल यात्रा और अब कांवड़ यात्रा निकाली गई ,इस यात्रा के माध्यम से समाज को यह संदेश देने का काम किया गया कि हमारे समाज मे जो अधिकार बालको का है वही अधिकार बालिकाओ का भी है।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि लैंगिक असमानता को लेकर ही उनके जरिये कांवड़ यात्रा की गई जिसमें स्पष्ट संदेश दिया गया कि बेटियां भी देवी का रूप होती हैं।
बताते चले कि प्रदेश में अब हर साल अधिकतम 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार दिया जाएगा जिसमे हर जिले से एक महिला को इसके लिए चयनित किया जाएगा और 35 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा।इस अवसर पर कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव हरीश चंद्र सेमवाल सहित विभागीय अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।