देहरादून, राजधानी देहरादून में दुर्घटना का शिकार हुआ कोई व्यक्ति यदि दून अस्पताल की ओर इलाज के इरादे से जा रहा है तो वह इस बात का भली भांति ध्यान रखें यदि उसे इलाज ना मिले तो उसे दूसरी जगह जाने के लिए तैयार रहना होगा। जी हां शिमला बाईपास पर दुर्घटना का शिकार हुए एक व्यक्ति को पहले 108 एम्बुलेंस नही मिली जिसके बाद वह ई रिक्शा से ही दूर मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी पहुंच गया। वहां पर भी उसे जद्दोजहद के बाद व्हील चेयर मिली, साथ वाले लोगों ने व्हीलचेयर पर धक्का लगाकर इमरजेंसी तक पहुंचाया।। लेकिन इमरजेंसी में भी डॉक्टर एक दूसरे का मुंह ताकते रहे, जख्मी मरीज को देखने की किसी ने जहमत तक नही उठाई। अब भला तमाम सुख सुविधाओं के दावा करने वाले दून की सरकारी सिस्टम का लाभ लोगो किस कदर ले रहे है इसका अंदाजा अस्पताल पहुंचे जख्मी मरीज को देख कर लगाया जा सकता है।