देहरादून, उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन दिनों सामान की खरीद फिरोत को लेकर सख्ते में दिखाई दे रहे हैं। वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है और बजट खर्ची में एक बार फिर विभाग फिसड्डी ही साबित हो रहा है जहां टेंडर को लेकर पहले खूब भागदौड़ करने वाले अधिकारी अब उन कंपनियों के मोहताज नजर आ रहे हैं जिनके द्वारा पहले टेंडर में प्रतिभाग करते हुए काम को अंजाम देने का दावा किया गया था लेकिन अब संबंधित कंपनियों के द्वारा मार्च से पहले मशीनों की आपूर्ति देने से ही इनकार कर दिया है जिसके चलते विभाग का बजट 1 बार लेप्स होने की कगार पर पहुंच गया है स्वास्थ्य विभाग में यह कोई पहली बार नहीं इससे पहले भी इस प्रकार के हालात पैदा होते रहे, जबकि आला अधिकारी मातहत अधिकारियों को समय से प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश देते रहे लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारी उन आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मनमानी पर उतारू दिखाई दे रहे हैं।। जहां टेंडर में प्रतिभाग करने वाली कंपनियां इसके लिए दोषी हैं तो वहीं अधिकारियों की भी जिम्मेदारी कम नहीं है।। विधानसभा सत्र के दौरान भी बजट खर्ची का मुद्दा सरकार के गले की फांस बना रहा लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसके बाद भी सरकार के साथ खड़े हुए नहीं दिखाई दिए, अधिकारी मनमाने तरीके से व्यवस्थाओं को बनाते और बिगाड़ते रहे और सरकार अधिकारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते असहज होती रही।। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह ने बताया कि अब आगामी वित्तीय वर्ष से अप्रैल से ही अस्पतालों से डिमांड मंगाते हुए खरीदारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी जिससे मार्च तक पहुंचते-पहुंचते बजट शत-प्रतिशत खर्च हो सके और अस्पतालों में व्यवस्थाएं बेहतर बन सके।।।
