देहरादून, स्वास्थ्य विभाग में ब्लैक लिस्ट दवा कंपनियों के कारनामों को उजागर करने के बजाय अब उन्हें बचाने के रास्ते खोजे जा रहे हैं,बचने के लिए कंपनियों के द्वारा विभाग को दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं तो सूत्रों की माने तो विभागीय अधिकारी भी उन दस्तावेजों से संतुष्ट होते हुए दिखाई दे रहे हैं, पूर्व में बड़ी कार्रवाई करने का दम दिखाने वाले अधिकारी अब कंपनियों के आगे नतमस्तक होते हुए नजर आ रहे हैं आलम यह है कि स्वास्थ्य विभाग को दवा टेंडरों के नाम पर चूना लगाने वाली कंपनियां धड़ल्ले से नियम विरुद्ध दवाओं के टेंडर में प्रतिभाग कर रही हैं जिसके चलते राज्य का सरकारी सिस्टम सवालों के घेरे में आ गया है आपको बता दें कि लगभग आधा दर्जन कंपनियां गलत शपथ पत्र देकर विभाग में दवाओं की आपूर्ति करने में पूरी जुगत भिड़ा रही हैं तो वहीं सरकारी सिस्टम भी कंपनियों के इस काले कारनामे में साथ देता हुआ दिखाई दे रहा है, हालांकि स्वास्थ्य मंत्री पहले ही ऐसी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी कंपनियों खिलाफ कार्रवाई करने से अधिकारी बच रहे हैं जो बताता है कि कंपनी और अधिकारियों में कितना जबरदस्त गठजोड़ है।।