देहरादून/ऋषिकेश: उत्तराखंड में अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत आबकारी विभाग की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। हाल ही में ऋषिकेश में काशीपुर से लाई जा रही अवैध शराब का बड़ा जखीरा पकड़ा गया, जिसने विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए हैं।
आयुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि एक जनपद से दूसरे जनपद तक अवैध शराब का बेरोकटोक पहुंचना इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं निगरानी तंत्र में गंभीर चूक हो रही है। काशीपुर से ऋषिकेश तक इतनी दूरी तय कर शराब का पहुंचना यह दर्शाता है कि संबंधित जिलों में निगरानी और प्रवर्तन की प्रक्रिया कमजोर है। उन्होंने कहा कि यह केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतरजनपदीय समन्वय की भी विफलता है, जिसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
इस पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम का गठन कर दिया गया है, जिसे जल्द से जल्द रिपोर्ट तैयार कर आबकारी आयुक्तालय को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। टीम यह पता लगाएगी कि किन मार्गों से शराब की तस्करी की गई, किन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई और किस स्तर पर सिस्टम ने जवाबदेही नहीं निभाई।
आयुक्त अनुराधा पाल ने कहा कि अवैध शराब की रोकथाम को लेकर सरकार की मंशा स्पष्ट है और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी स्तर पर क्यों न हों।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए सीमावर्ती चेकपोस्टों को मजबूत किया जा रहा है और अंतरजनपदीय सूचना तंत्र को और चुस्त करने की दिशा में भी काम हो रहा है।

