आरटीआई में हुआ खुलासा,करोड़ों रूपये देने के बाद भी नही हुई अस्पतालों में मशीनें स्थापित, मशीनों की खरीद कौन कर रहा खेल ?

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देहरादून, उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कब क्या गुल खिला दें इसका जीता जागता उदाहरण स्वास्थ्य विभाग की खरीद प्रणाली से लगाया जा सकता है।। बजट लेप्स होने के डर से आनन-फानन में अधिकारियों ने लगभग 2 करोड़ की लागत से 8 वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम मशीन अलग-अलग अस्पतालों के लिए क्रय की गई थी जिसमें कोरोनेशन अस्पताल में 3, उधम सिंह नगर में 3 ऋषिकेश 1 नैनीताल 1 सिस्टम लगाया गया था, सूचना अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार मंगाई गई मशीनों में से महज कोरोनेशन में ही तीन मशीनों की स्थापना हो सकी है जबकि उधमसिंह नगर , ऋषिकेश, नैनीताल में संबंधित उपकरण स्थापित तक नहीं किया गया है और भुगतान भी कर दिया गया है।।अब अधिकारियों की कार्यशैली और मंशा यहीं से पता चलती है कि आखिरकार जब आनन-फानन में मशीनें क्रय की गई तो इनकी स्थापना बेहद जरूरी होने के बावजूद भी कैसे नहीं हुई।। विभाग द्वारा 27 मार्च 2022 को मशीनें क्रय कर ली गई थी और संबंधित मशीनों का भुगतान भी 31 मार्च तक कर दिया गया था,लेकिन इसके बावजूद भी मशीनों की स्थापना ना होना सवाल खड़े करता है कि आखिरकार अधिकारी क्रय पॉलिसी की अनदेखी किसके इशारे पर कर रहे हैं दरअसल तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव के द्वारा इन मशीनों की क्रय को लेकर नाराजगी भी व्यक्ति गई थी जिसके बाद पहले भुगतान रोका गया और फिर 31 मार्च को भुगतान कर दिया गया।। जिससे सवाल खड़े होते हैं कि बिना टेंडर के ही करोड़ों की मशीन खरीदने के बाद इनकी स्थापना तक ना हो पाना साफ दर्शा रहा है कि दाल में कुछ काला है।। अधिकारी बजट ठिकाने लगाने में कितने माहिर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दून मेडिकल कॉलेज के आर्डर के आधार पर ही करोड़ों की मशीन आवश्यक बता कर क्रय कर ली जाती है और उसकी स्थापना 7 माह बाद भी नहीं हो पाती है जिससे पता चलता है कि मशीनें खरीदने के पीछे अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे है।। वहीं स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि वेस्ट मैनेजमेंट मशीने बेहद जरूरी है इसलिए मशीनों को क्रय किया गया था जहां पर स्थापना नहीं की गई है उनकी जानकारी जुटाई जा रही है।।