स्वास्थ्य महानिदेशालय.. मशीनों की खरीदारी में अव्वल रहने वाले दवा की आपूर्ति में हो रहे फिसड्डी साबित….

ख़बर शेयर करें

देहरादून। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़े-बड़े दावे करने वाले महानिदेशालय में तैनात अधिकारी भले ही मशीनों की खरीदारी में अव्वल दिखाई दे रहे हो, लेकिन दवाओं की आपूर्ति में फिसड्डी ही साबित हो रहे हैं। दरअसल 19 सितंबर 2023 को जारी क्रय आदेश के बाद भी तमाम दवाओं की आपूर्ति नहीं हो सकी है जिसको लेकर आलाधिकारी भी खफा दिखाई दे रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य महानिदेशालय के स्टोर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। दरअसल अधिकारियों की रुचि मशीनों की खरीदारी में अधिक है जबकि दवाओं की आपूर्ति को लेकर हीलाहवाली ही बरती जाती हैं। पांच माह से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी दवाओं की आपूर्ति न होना बताता है कि अधिकारियों ने कितने दिलचस्पी के साथ इसका फॉलोअप लिया है। हालांकि अब नाराजगी सामने आई तो आनन फानन में उन दवाओं के क्रय आदेश भी निरस्त कर दिए गए हैं । जेडी स्टोर आनंद शुक्ला ने बताया कि जिन दवा कंपनियों के द्वारा दवा की सप्लाई अब तक नहीं की गई है उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए क्रय आदेश निरस्त कर दिए गए हैं । दरअसल स्वास्थ्य विभाग में इस प्रकार की परंपरा पहले से ही चली आ रही है जिसको बदलने की जरूरत है हालांकि अब दावा किया जा रहा है कि जिलों से भी रिपोर्ट तलब की जा रही है जिससे पता चल सके कि किन-किन कंपनियों के द्वारा दवा आपूर्ति में हीला हवाली बरती गई है जिन्हें अब भविष्य में ब्लैकलिस्टेड किया जा सकेगा।। एनएचएम के अंतर्गत तमाम बीमारियों के लिए दवा का बजट जारी किया गया था लेकिन अब तक दवाओं की आपूर्ति नहीं हुई है जिससे मरीजों के सामने भी दिक्कत आने लगी है अधिकारियों की हीलाहवाली और कंपनियों की लापरवाही है चलते भारत सरकार की योजनाओं पर भी इसका विपरीत असर पड़ रहा है। दरअसल मार्च क्लोजिंग के चलते यूसी भेजनी भी बेहद जरूरी होती है लेकिन जब बजट खर्च ही नही हुआ तो फिर यूसी कैसे जाए इसको लेकर भी नाराजगी बनी हुई है।