देहरादून, चार धाम यात्रा की शुरुआत में हुई फजीहत के बाद अधिकारियों की कार्यशैली भी खुलकर सामने आ गई है दरअसल मुख्यमंत्री देशभर में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो वहीं अधिकारी उनकी गैर मौजूदगी में चार धाम यात्रा में लोगो की परेशानी को देख कर भी आंखें मूंदे बैठे हैं मुख्यमंत्री एक तरफ चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं तो वहीं दूसरी तरफ वह चार धाम यात्रा को लेकर भी गंभीर दिखाई दे रहे हैं सीएम खुद चार धाम यात्रा मार्ग पर पहुंचकर लोगों से बातचीत कर रहे हैं स्थिति का जायजा ले रहे हैं लेकिन अधिकारी हैं जो एसी कमरों में बैठकर दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं सीएम के राज्य में आने के बाद अधिकारी एक्टिव होते हैं और पूरा सिस्टम काम पर जुट जाता है ऐसे में अधिकारियों की कार्यशैली का अंदाजा भी आसानी से लगाया जा सकता है कि वह कितनी गंभीरता के साथ राज्य में चल रही चार धाम यात्रा को ले रहे हैं।। उत्तराखंड में चल रही चार धाम यात्रा जहां धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है वहीं आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह यात्रा खास महत्व रखती है दरअसल चार धाम यात्रा 6 माह चलती है जिसमें तमाम लोगों को रोजगार के संसाधन उपलब्ध होते हैं ऐसे में अधिकारियों को इस यात्रा पर और भी ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की जरूरत थी जिससे लोगों को राज्य के लोगो को रोजगार के साथ ही बाहर से आ रहे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं भी मिल पाती, पर मजाल है कि अधिकारी अपनी मर्जी से कोई काम कर रहे हो।। वही पर्यटन विभाग के अधिकारी तो महज खाना पूर्ति कर रहे हैं और फजियत राज्य को झेलनी पड़ रही है।।
