राज्य की राजनीति का केंद्र बनाता जा रहा खनन और शराब,मुद्दा विहीन होते जा रहे राजनीतिक दल….

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देहरादून, यूं तो राज्य के विकास को लेकर राजनीतिक दल बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन उत्तराखंड की राजनीति का केंद्र बिंदु हमेशा से ही खनन और शराब ही बना रहा है ।। 22 साल के राज्य में भाजपा और कांग्रेस खनन व शराब के इर्द-गिर्द घूमते रहे हैं।। मनो जैसे राजनीतिक दलों के पास दो मुद्दों के अलावा कोई मुद्दा ही नहीं बचा हो।। उत्तराखंड की राजनीति में शराब और खनन एक ऐसा मुद्दा शुरू से ही रहे जिस को बुलाने के लिए विपक्षी दल कभी कोई कोर कसर नहीं छोड़ते चाहे सत्ता में फिर भाजपा हो या फिर कांग्रेस रही हो दोनों ही दलों ने विपक्ष में रहते हैं एक दूसरे पर खनन और शराब माफियाओं को पनाह देने का आरोप लगाते रहे हैं आलम यह है कि अब एक बार फिर जब सत्ता में भाजपा है तो कांग्रेस के नेताओं ने सरकार पर खनन वह शराब प्रेमी होने का आरोप लगाया है कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार खनन व शराब के कारोबारियों को हमेशा से ही संरक्षण देती रही है हालांकि उन्होंने इस मुद्दे पर चिंता भी व्यक्ति की राजनीतिक दल सत्ता में आते ही खनन और शराब कि कारोबारियों के नजदीक हो जाती हैं।। वहीं भाजपा नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि यह तो राजनीतिक दलों की मानसिकता पर निर्भर करता है कि वह विपक्ष में रहते हुए विकास के मुद्दे पर बात करती है या खनन और शराब के मुद्दे पर।। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि राज्य चौमुखी विकास कर रहा है लेकिन कांग्रेस के नेताओं को यह दिखाई नहीं दे रहा है कांग्रेस के नेता से खनन और शराब के इर्द-गिर्द ही घूम रहे है, राज्य में यूं तो राजनीति करने के तमाम मुद्दे हैं लेकिन उत्तराखंड की राजनीति का केंद्र बिंदु हमेशा से ही खनन और शराब रहे ऐसे में राजनीतिक दलों को उन मुद्दों की ओर भी नजरें इनायत करने की जरूरत है जिससे जनता का सीधा सरोकार जुड़ा है