देहरादून। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत साल 2025– 26 तक तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें उत्तराखंड में पहले चरण में 20 ब्लॉक को ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट ( बीपीएचयू) स्थापित किए जा रहे है। लेकिन खरीदारी में अपनाई गई प्रक्रिया सवालों से घिर गई है दरअसल स्वास्थ्य महानिदेशालय ने भारत सरकार की इस योजना को जेम पोर्टल और राज्य की क्रय नीति दोनो को एक साथ लागू करते हुए खरीदारी की जा रही है जो किसी के गले नहीं उतर रहा है कि एक ही सामान की खरीदारी में दो-दो प्रक्रिया एक साथ कैसे अपनाई जा सकती हैं ?? विभाग के जानकार बताते हैं कि जेम पोर्टल और राज्य की क्रय नीति 2019 दोनो को साथ जोड़ कर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत लगने वाले तमाम उपकरण खरीदे जा रहे है यह योजना साल 2021 में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत शुरू की गई थी जिसका नाम बदलकर आयुष्मान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन कर दिया गया था जिसकी घोषणा 1 फरवरी 2021 को की गई थी लगभग 6 वर्षों में इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिससे देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया जा सके, शुरुआती 2 सालों में विभाग के द्वारा इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और अब मार्च का हवाला देते हुए आनन फानन में तमाम उपकरणों की खरीदारी जोर-शोर से की जा रही है उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशालय प्रधानमंत्री की कल्याणकारी योजनाओं को भी पलीता लगाने का काम कर रहा है जिससे साफ हो गया है कि सिस्टम के आगे हर नियम बौना है।
देशभर में पीएम एभीएम योजना
5 लाख से अधिक आबादी वाले सभी जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक की स्थापना।
केंद्रीय क्षेत्र के घटक
150 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉकों के साथ प्रशिक्षण और सलाह स्थलों के रूप में 12 केंद्रीय संस्थान;
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), 5 नए क्षेत्रीय एनसीडीसी और 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों का सुदृढ़ीकरण;