मुख्यमंत्री धामी के “कृषि भूमि पर रिजॉर्ट निर्माण” फैसले पर सियासत तेज

ख़बर शेयर करें

हाल ही में मुख्मंत्री पुष्कर सिहं धामी की अध्क्षता में सचिवालय में धामी कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें कई अहम प्रस्तावों के साथ-साथ बिना भू-उपयोग परिवर्तन के कृषि भूमि पर रिजॉर्ट निर्माण की अनुमति देने पर भी चर्चा कर इसे मंजूर किया गया। वहीं अब इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड में सियासत गरमा चुकी है, इस फैसले पर विपक्ष दल कांग्रेस ने उत्तराखंड में जमीन सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। दरअसल, उत्तराखंड कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने कहा कि सत्ताधारी भाजपा सरकार एक ही राज्य में दो अलग-अलग भू-कानून चला रही है, पहले तो राज्य सकार द्वारा तय नियम के अनुसार जिन जमीनों को लैंड यूज चेंज किए बिना कमर्शियल उपयोग में नहीं लाया जा सकता था, अब उन्हें सीधे रिजॉर्ट निर्माण के लिए खोल दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस ने दावा किया है कि धामी कैबिनेट द्वारा पारित यह फैसला वर्तमान समय और भविष्य में भू-माफियाओं और बिल्डरों को सीधा फायदा पहुंचाएगा। जिससे नुकसान उत्तराखंड का होगा क्योंकि उसकी मूल पहचान पूरी तरह से भंग हो जाएगी।

यह भी पढ़ें -  PRD स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने की शिरकत….करी यह 3 बड़ी घोषणाएं

बाइट – प्रतिमा सिंह,प्रदेश प्रवक्ता,कांग्रेस

विपक्ष की दलील पर भाजपा का “काउंटर”


उत्तराखंड कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता द्वारा राज्य सरकार पर लगाए गए गंभीर आरोप पर सत्तादल भाजपा के खेमें में से काउंटर देखने को मिला। भाजपा की ओर से कांग्रेस द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इस फैसले को उत्तराखंड में विकास और रोजगार से जुड़ा बताया। इसी मुद्दे पर भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक का कहना है कि उत्तराखंड की जमीनों पर रिजॉर्ट बनाने की अनुमति केवल स्थानिय उत्तराखंडवासियों को ही है, उनके अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रदेश की भूमि पर रिजॉर्ट बनाने की अनुमति नहीं है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह कदम प्रदेश के युवाओं और पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। वहीं सत्ताधारी दल भाजपा ने भी अपना दावा करार करते हुए कहा कि धामी सरकार उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए जनहित में फैसले ले रही है, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस हर विकासात्मक पहल का विरोध कर मात्र राजनीतिक रोटियां सेंकने का कार्य कर रही है।

यह भी पढ़ें -  मुनस्यारी क्षेत्र में पानी को लेकर मचा त्राहिमाम, आंखे मूंदे बैठा है जल संस्थान