कुछ तो शर्म करो…. स्वास्थ विभाग में हो रही सीएसआर फंड से मिले सामान की बेकदरी

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राज्य के सरकारी सिस्टम अपनी बदहाली का रोना रोने को मजबूर है जिसका जीता जागता उदाहरण स्वास्थ्य विभाग मुख्य स्टोर दिखाई देने लगा है स्वास्थ्य विभाग इन दिनों खरीदारी में व्यस्त है लेकिन उस सामान का बेहतर उपयोग करने में अधिकारियों में कोई दिलचस्पी दिखाई नहीं दे रही है जिसके चलते जरूरतमंद लोगों तक तमाम उपकरण नहीं पहुँच पा रहे हैं।कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार को सीएसआर फंड व केंद्र सरकार से करोड़ों रुपए के उपकरण ऑक्सीजन सिलेंडर व दवाई मिल रही है लेकिन इनके रखरखाव के लिए उचित व्यवस्था तक विभाग के अधिकारियों ने नहीं की है ।। जिसके चलते यह खुले आसमान के नीचे बरसात के मौसम में समान की बेकदरी हो रही है।। अधिकारी मौके पर मौजूद होने के बावजूद भी इसके रखरखाव के लिए कोई उचित व्यवस्था अभी तक नहीं कर पाए हैं।। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि अधिकारियों का ध्यान महज सामान खरीदारी में ही है इन्हें मूल स्थान पर पहुंचाने की कोई व्यवस्था आज तक नही की गई है।। कांग्रेसी नेता गरिमा द सोनी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जिस दिलचस्पी के साथ इस सामान को एकत्र कर रही है यदि इतनी दिलचस्पी के साथ स्कूल लोगों की सेवा में लगाया होता तो बेहतर होता सामान खुले में सड़ रहा है ऐसे में अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठना लाजमी है
हम लगातार जनहित से जुड़े मुद्दे पर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने का काम करता रहा है जिसको लेकर अधिकारियों ने दावा जरूर किया है कि अब वह खुले में पड़े सामान को जल्द ही जनपद हो तक पहुंचाने का काम करेंगे जिससे यह जरूरतमंद लोगों की इस्तेमाल में आ सके।। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि खुले में पड़ा हुआ सामान जल्दी जनपदों तक डिस्ट्रीब्यूट कर दिया जाएगा इसको लेकर बकायदा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सामान को रखने के लिए अगल से व्यवस्था भी की गई है।।
राज्य सरकार को इन दिनों सीएसआर फंड व पीएम केयर फंड से करोड़ों रुपए का सामान उपलब्ध हो रहा है लेकिन यह सामान आज भी सरकारी स्टोर की शोभा बढ़ा रहा है जबकि इस सामान की सबसे ज्यादा जरूरत इन दिनों अस्पतालों को है अधिकारी महज खरीदारी और समान एकत्र करने तक ही सीमित हो गए हैं जबकि अधिकारियों का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए कि वह सामान अस्पतालों तक पहुंचे जिससे लोगों को उसका लाभ मिल सके