देहरादून, समाचार 4U के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के गजब हाल शीर्षक से खबर को प्रमुखता के साथ उठाया था जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा खबर का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य महानिदेशालय को मामले की जांच करते हुए जवाब तलब किया गया है दरअसल समाचार 4 u न्यूज के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत साल 2025– 26 तक तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें उत्तराखंड में पहले चरण में 20 ब्लॉक को ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट ( बीपीएचयू) स्थापित किए जा रहे है। लेकिन खरीदारी में अपनाई गई प्रक्रिया सवालों से घिर गई है दरअसल स्वास्थ्य महानिदेशालय ने भारत सरकार की इस योजना को जेम पोर्टल और राज्य की क्रय नीति दोनो को एक साथ लागू करते हुए खरीदारी की जा रही है जो किसी के गले नहीं उतर रहा है कि एक ही सामान की खरीदारी में दो-दो प्रक्रिया एक साथ कैसे अपनाई जा सकती हैं ?? विभाग के जानकार बताते हैं कि जेम पोर्टल और राज्य की क्रय नीति 2019 दोनो को साथ जोड़ कर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत लगने वाले तमाम उपकरण खरीदे जा रहे है
खबर के बाद ही स्वास्थ्य महानिदेशालय की खरीदारी सवालों के घेरे में आ गई है। विभाग के अधिकारी अपनी सुविधा के अनुसार ही नियमो को तोड़ मरोड़ कर खरीदारी प्रक्रिया को अंजाम दे रहे है जिसकी तमाम शिकायतें सरकार के स्तर पर भी पहुंच रही है लेकिन बेलगाम सिस्टम पर कार्रवाई आज तक नही हुई जिससे सरकार की जीरो टॉलरेंस व्यवस्था पर भी पलीता लग रहा है स्वास्थ्य महानिदेशालय की संपूर्ण खरीदारी की जांच यदि हुई तो कई बड़े खुलासे होना लाजमी है।