देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशालय में जहां कर्मचारी और अधिकारियों का भेदभाव साफ देखने को मिलता है। आज महानिदेशालय में लेट आने वाले कर्मचारियों से सवाल जवाब किए जा रहे हैं लेकिन अधिकारियों पर इसका कोई भी असर नहीं पड़ रहा है। जिससे कर्मचारियों में खासा रोश है ।। सूत्र बताते है कि आज 10:00 बजे के बाद पहुंचे डेढ़ दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों से विभाग की ओर से स्पष्टीकरण मांगा गया है तो वही लेट लतीफी से पहुंचने वाले डॉक्टरों की तरफ एक बार फिर रहम भरी नजरों से देखा गया है जिससे साफ हो गया है कि विभाग में किस प्रकार से दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं दरअसल बायोमेट्रिक हाजिरी का निरीक्षण किया जाए तो हालात कुछ और ही निकाल कर सामने आएंगे।। जी हां अधिकारियों का देरी से आना विभागों में कोई नई बात नहीं है और उसको लेकर अधिकारियों के पास लंबे चौड़े बहाने भी है जिसके बाद सवाल और जवाब करने का तो कोई मतलब ही नहीं बनता। यदि अधिकारी समय से पहुंच जाए और कर्मचारियों की लेट हुए तो वो बात भी उन्हें खटकने लगती है जबकि अधिकारियों का लेट पहुंचना एक स्टेटस सिंबल बन गया है।।