ये कैसी तीसरी लहर की तैयारी…महानिदेशालय में जमे एनेस्थेटिक, अस्पताल पड़े वीरान कैसे होगा इलाज

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राज्य सरकार भले ही चुनावी वर्ष को देखते हुए डॉक्टरों को पहाड़ चढ़ाने का दावा कर रही हो लेकिन स्वास्थ्य महानिदेशालय के आला अधिकारियों को निदेशालय में जमे डॉक्टर ज्यादा काबिल लग रहे हैं ।। आलम यह है कि हाल ही में डॉक्टरों की तबादला सूची जारी की गई थी जिसमें डॉक्टरों को तत्काल ज्वाइन करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन 1 हफ्ते से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद भी डॉक्टर अभी भी स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारियों के चहेते होने के चलते वही जमे हैं।। जबकि स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत ने पहले ही रेडियोलॉजिस्ट व एनेस्थेटिक डॉक्टरों को फील्ड में तैनात करने के निर्देश दिए थे लेकिन उसके बावजूद भी स्वास्थ्य महानिदेशक उन्हें फील्ड में भेजने के बजाय स्वास्थ्य महानिदेशालय में ही जमाए हुए हैं।। स्वास्थ्य महानिदेशक तबादलों के बाद ऐसे डॉक्टरों का बचाव करते हुए दिखाई दे रही है।। स्वास्थ्य महानिदेशक के अनुसार महानिदेशालय में उनकी काबिलियत की ज्यादा जरूरत है जो डॉक्टर यहां पर तैनात हैं उनकी यहां आवश्यकता है। ऐसे में सवाल उठना भी लाजमी है कि क्या अस्पतालों में सेवाएं देने से महानिदेशालय मे क्लेरिकल कार्य करना ज्यादा जरूरी है

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