उत्तराखंड में आखिरकार आबकारी विभाग के भीतर चल रहे इस कारनामे पर सिस्टम मौन केसे हो जाता है यह अपने आप में बड़ा सवाल है…. दरअसल आए दिन ओवर रेटिंग की शिकायतें सरकार के मुखिया तक पहुंच जाती हैं लेकिन आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं है, मानो जैसे खुद अधिकारियों के हित इससे जुड़े हों ?? ऐसे में फिर कैसे और किसी पर कार्रवाई हो…? आलम यह कि एक के बाद एक घटना का खुलासा हो रहा है लेकिन आबकारी विभाग के होनहार अधिकारी सिर्फ कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति करते हुए दिखाई देते हैं महज 50000 का चालान काटकर ओवर रेटिंग करने वालों पर कार्रवाई कर दी जाती है ताजा उदाहरण आज खुद अधिकारियों ने देखा जब जिला अधिकारी समेत अन्य अधिकारी भी शराब की दुकानों का औचक निरीक्षण करते दिखे, विभाग की भत पीट रही लेकिन मजाल है कि इन पर कोई कार्रवाई हो… दरअसल अधिकारियों की शह के बिना ऐसा होना संभव ही नहीं है माना जा रहा है कि एक बार फिर आबकारी विभाग में खेल शुरू हो गया है जिसमें जमकर लोगों की जेब काटी जा रही है दरअसल देहरादून के एक विशेष इलाके से चलने वाला यह महकमा राजनेताओं की आंखों में भी खटकने लगा है और इसकी हकीकत भी सबके सामने आ गई है जल्द ही विशेष इलाके पर नकेल नहीं कसी गई तो सरकार की फजीहत होना लाजमी है।। सूत्रों के माने तो अधिकारी अपने कार्यालय में काम और विशेष इलाके में ज्यादा हाजिरी लगाते हैं जिसके चलते शराब कारोबारी पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होती।। जिलाधिकारी के द्वारा आज औचक निरीक्षण किया गया जिसमें कई दुकानें बंद भी कर दी गई।।।