देहरादून, राज्य का बेलगाम स्वास्थ्य महकमा लगातार नियमो को ठेंगा दिखा कर करोड़ो रूपये का सामान क्रय कर रहा है जिसको लेकर विपक्ष से लेकर खुद भाजपा के विधायक भी सवाल खड़े कर रहे हैं लेकिन सरकार इस ओर नजरें इनायत तक नही कर रही है जिससे स्वास्थ विभाग के अधिकारी और भी ज्यादा बेलगाम हो रहे है। जानकारों की मानें तो राज्य में स्वास्थ्य मंत्री ना होने के चलते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पूरे महकमे को चला रहे हैं जिससे सरकारी धन की भी जमकर बंदरबांट की जा रही है खुद भाजपा के विधायक खुले मंच पर मुख्यमंत्री से इस मामले को लेकर जांच की मांग कर चुके हैं लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ कोई ऐसी जांच तक नहीं बैठाई गई जिससे यह कहा जा सके कि सरकार जीरो टोलरेंस के नारे पर काम कर रही है आलम यह है कि स्वास्थ्य विभाग में एक के बाद एक लापरवाही कर खरीदारी हो रही हैं वही बेलगाम अधिकारी नियमों का ना ध्यान रख रहे हैं और ना सरकार की बनाई हुई पॉलिसी का। हालांकि सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यदि भ्रष्टाचार की कोई भी शिकायत मिलती है तो सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पहले ही राज्य में स्वास्थ्य मंत्री ना होने के चलते तमाम खामियां होने का आरोप लगा चुके है। उन्होंने कहाँ यदि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर इतनी गंभीर है तो राज्य को अब तक एक स्वास्थ्य मंत्री तक नहीं दिया गया जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो पाती। अधिकारियों ने करोड़ों रुपए की लागत से हिमोग्लोबिन मीटर ग्लूको मीटर के अनुभव प्रमाण पत्र पर क्रय करने को लेकर एल.ओ.ए ( लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस) तक जारी कर दिया है। ऐसे में अधिकारियों पर भी अपने निज स्वार्थों के चलते नियम विरुद्ध खरीदारी के आरोप लगना भी लाजमी है। अधिकारी लगातार अपनी मनमर्जी से ही करोड़ों रुपये का सामान नियमो को ठेंगा दिखा कर क्रय कर रहे है।जिससे साफ हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के आगे अब सरकार की कोई अहमियत नही है।