उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के आरंभ होते ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में आस्था की लहर साफ दिखाई दे रही है, जहां देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। राज्य सरकार ने यात्रा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए इस वर्ष कई अहम नियम लागू किए हैं, जिनमें सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन, साफ-सफाई और तीर्थ स्थलों पर अनुशासन बनाए रखने से जुड़ी हिदायतें शामिल हैं।
इन नियमों में एक बड़ा फैसला मंदिर परिसरों और उनके आस-पास वीडियो रिकॉर्डिंग तथा मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध को लेकर था। सरकार का उद्देश्य था कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना और तीर्थ स्थलों की गरिमा को बनाकर रखा जाए। हालांकि, जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट नजर आ रही है।हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो ने सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन वीडियो में तीर्थ स्थलों के पास श्रद्धालुओं द्वारा वीडियो बनाते, सेल्फी लेते और नियमों की अनदेखी करते देखा जा सकता है। यह न केवल सरकारी आदेशों का खुला उल्लंघन है, बल्कि इससे धार्मिक स्थलों की मर्यादा भी भंग हो रही है।
राज्य सरकार की ओर से बार-बार चेतावनी और अपील के बावजूद संबंधित अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है। इससे स्पष्ट है कि नियम लागू करने में जिम्मेदार अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।
चार धाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान भी है। हर वर्ष यह यात्रा लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है और राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है। ऐसे में यात्रा के दौरान नियमों की अवहेलना न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि इससे राज्य की छवि को भी गंभीर क्षति पहुंच सकती है।
जनता के बीच यह भी सवाल उठ रहा है कि अगर सरकार ने नियम बनाए हैं, तो उन्हें सख्ती से लागू क्यों नहीं किया जा रहा है? सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो क्लिप्स से यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रशासन की निगरानी व्यवस्था कमजोर है और आदेशों का पालन करवाने में असफल रहा है।अब जरूरत है कि सरकार त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषी अधिकारियों पर सख्त कदम उठाए और नियमों की अवहेलना करने वालों पर कड़ी सजा तय करे। इसके साथ ही तीर्थ स्थलों पर निगरानी बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और मोबाइल फोन जांच की व्यवस्था सुदृढ़ करने की भी आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। चार धाम यात्रा श्रद्धा, विश्वास और अनुशासन का प्रतीक है। इसकी गरिमा को बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
