देहरादून में अव्यवस्थित बेसमेंट पार्किंग और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के उद्देश्य से मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने कड़ा रुख अपनाया है। इसी क्रम में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री बंशीधर तिवारी ने अभियंताओं के साथ एक अहम बैठक कर शहर के समस्त कॉम्प्लेक्सों की बेसमेंट पार्किंग की जांच के निर्देश दिए हैं।
बैठक में उपाध्यक्ष महोदय ने स्पष्ट रूप से कहा कि शहर के सभी कॉम्प्लेक्सों में बने बेसमेंट, जिन्हें मूलतः पार्किंग के लिए अनिवार्य रूप से शामिल किया गया था, उन्हें किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि या अवैध उपयोग से मुक्त रखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सभी बेसमेंट पूरी तरह से खाली हों और वहां उचित रैंप, स्वच्छता, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
देहरादून में बड़ी संख्या में ऐसे कॉम्प्लेक्स हैं जहां बेसमेंट का उपयोग या तो पार्किंग के स्थान पर दुकानों, गोदामों अथवा अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों में किया जा रहा है, जिससे पार्किंग की मूल समस्या के साथ-साथ सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है। वीसी बंसीधर तिवारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने सेक्टरों में स्थित भवनों की गहन जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि बेसमेंट का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्य के लिए ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिन भवनों में मानकों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहां संबंधित स्वामियों को नोटिस जारी किए जाएंगे और आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जाएगी।
एमडीडीए ने जानकारी दी है कि यह जांच अभियान शुरू कर दिया गया है और अभियंताओं की टीम लगातार स्थलीय निरीक्षण कर रही है। साथ ही, जिन बेसमेंट में अव्यवस्था, गंदगी या असुविधा पाई जाएगी, वहां सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए जाएंगे।
बैठक में सचिव मोहन सिंह बर्निया, संयुक्त सचिव गौरव सिंह चटवाल और समस्त अभियंता उपस्थित रहे। प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में बेसमेंट का बहुउद्देश्यीय उपयोग – विशेष रूप से आपातकालीन स्थिति में बंकर के रूप में – भी विचाराधीन है, इसलिए उनकी स्थिति को मानकों के अनुरूप बनाए रखना और तैयार रखना अत्यंत आवश्यक है।
एमडीडीए के इस सख्त कदम को शहरवासियों की सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए एक सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है। प्राधिकरण ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे बेसमेंट का उपयोग नियमों के अनुसार करें और जांच कार्य में पूरा सहयोग प्रदान करें, ताकि देहरादून को एक सुरक्षित और व्यवस्थित शहर बनाया जा सके।
