उत्तरकाशी, 6 अगस्त।
उत्तरकाशी जिले में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद स्थिति धीरे-धीरे साफ हो रही है। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार इस आपदा में चार लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य अब भी लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन और राहत एजेंसियों की ओर से रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।
हालांकि, सरकार की ओर से लापता लोगों की कोई आधिकारिक संख्या अब तक जारी नहीं की गई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों की मानें तो करीब 15 ग्रामीण और सेना के कुछ जवान अब भी लापता हैं। जानकारी के अनुसार यह आपदा उस समय आई जब कई गांवों में भारी बारिश के चलते भू-स्खलन और नदी-नालों में अचानक उफान आ गया, जिससे कई लोग इसकी चपेट में आ गए।
स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और सेना की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। हेलिकॉप्टरों की मदद से ऊंचाई वाले इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है, जबकि ज़मीनी स्तर पर जवान मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड के सांसदों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की है और प्रभावित क्षेत्रों में खुद रहकर जनता की सहायता करने के निर्देश दिए हैं।
हालांकि सोशल मीडिया और कुछ स्थानीय रिपोर्ट्स में लापता और मृतकों की संख्या को लेकर कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि अधिकांश प्रभावित लोग सरकार और सेना की त्वरित कार्रवाई के चलते सुरक्षित बचाए जा चुके हैं।
राहत शिविरों में लोगों को ठहराया गया है, खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है और चिकित्सा टीमें भी मौके पर सक्रिय हैं। प्रशासन की प्राथमिकता अभी लापता लोगों की तलाश और पीड़ितों तक त्वरित राहत पहुंचाना है।
