उत्‍तराखंड इतिहास में बड़े फैसलों के लिए जाना जाएगा साल 2020, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी प्रदेशवासियों को नववर्ष शुभकामनाएं

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देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को नववर्ष की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी। नववर्ष की पूर्व संध्या पर गुरु वार को जारीसंदेश में मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों के सुख, शांति व समृद्धि की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित तौर पर आने वाला वर्ष हम सभी के जीवन में नई आशा और ऊर्जा का संचार करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में पूरी मानव सभ्यता कोरोना से संघर्ष करने में लगी रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सभी देशवासियों ने भी कोरोना से जंग लड़ी है। यह लड़ाई अभी भी जारी है। प्रधानमंत्री की ओर से सही समय पर लिए गए निर्णयों से देश संभलने की स्थिति में हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 को उत्‍तराखंड के इतिहास में बड़े फैसलों के लिये जाना जाएगा।

दस वर्षों में गैरसैंण पर खर्च होंगे 25 हजार करोड़

राज्य के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए हमने गैरसैण को न केवल ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया बल्कि राजधानी परिक्षेत्र में राजधानी के अनुरूप अवसंरचनात्मक विकास करने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया गया है। अगले दस वर्षों में वहां 25 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन किया गया। यह हमारी सरकार का बहुत बड़ा निर्णय है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रदेश के युवाओं को स्वावलम्बी बनाने में मददगार हो रही है। तीन लाख रूपये तक ब्याजमुक्त ऋण, किसानों के जीवन में खुशहाली लाएगा। इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना से हम जंग लड़ रहे हैं। हमने हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया है। अब हर जिले में आईसीयू स्थापित है। राज्य में आने के इच्छुक उत्तराखंड के प्रवासी के रोजगार की भी चिंता की है। पर्यटन, उद्योग, कृषि आदि सभी क्षेत्रों को राहत दी है।

ई-पंचायत सेवा में देश का तीसरा राज्‍य बनाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गर्वनेंस के लिए ई-गर्वनेंस को बढ़ावा दिया है। ई-कैबिनेट और ई-आफिस का अमल में लाया गया है। राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को वाई-फाई से जोड़े जाने की शुरूआत की है। ग्रामीण घरों को केवल 1 रूपए में पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। पिथौरागढ़ में बीआर ओ द्वारा निर्मित आठ पुलों का लोकार्पण किया गया। इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। पिथौरागढ़ में इन पुलों की लम्बे समय से मांग थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस वर्ष न्यू-ऋषिकेश रेलवे स्टेशन, डोबरा चांठी पुल, जानकी सेतु, सूर्याधार झील का उद्घाटन किया गया। पिरूल से एनर्जी के काम को आगे बढ़ाया गया है।

धार्मिक आस्‍था का किया सम्‍मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए हमने हरिद्वार में गंगा नदी की धारा को ‘एस्केप चैनल’ घोषित किए जाने के 2016 के आदेश को वापस लिया। हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बनाए रखा जाएगा। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले का आयोजन होने जा रहा है। संत महात्माओं के आशीर्वाद से दिव्य और भव्य कुम्भ का आयोजन किया जाएगा।

वोकल फॉर लोकल को अपने जीवन का मंत्र बनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को अपने जीवन का मंत्र बनाएं। देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने और स्थानीय उत्पादों के प्रयोग का संकल्प लें। प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं।

वर्ष 2020 की राज्य सरकार की उपलब्धियां

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में साल 2020 में उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी बनी, राज्य स्थापना दिवस पर 9 नवम्बर को गैरसैंण में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिए अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च करने की घोषणा की। इसके अलावा 15 जनवरी 2020 को विधिवत रूप से ‘उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम बोर्ड’का गठन किया गया। भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। 28 मई को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। यह योजना कोराना काल में वापस आए प्रवासियों और राज्य के युवाओं को सम्मानजनक तरीके से आजीविका प्रदान करने का बड़ा माध्यम बन रही है।

जिलों में जिला योजना का 40 फीसद स्वरोजगार पर खर्च करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने जिलों में जिला योजना का 40 प्रतिशत स्वरोजगार पर खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक इस योजना के तहत 7029 लोगों के लोन प्रस्ताव को कमेटी द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। अल्मोड़ा से 474, बागेश्वर से 369, चंपावत से 424, चमोली से 395, देहरादून से 482, हरिद्वार से 466, नैनीताल से 570, पौड़ी से 665, पिथौरागढ़ से 501, रूद्रप्रयाग से 330, टिहरी से 610, उधमसिंहनगर से 525 तो उत्तरकाशी से 1218 लोगों के प्रस्तावों को कमेटी अनुमोदित कर चुकी है। कुल 1134 लोगों को अब तक इस योजना में ऋण वितरित किया जा चुका है।