देहरादून। उत्तराखंड राज्य कैबिनेट की अहम बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई है। सरकार ने शराब बिक्री में पारदर्शिता लाने और अनियमितताओं पर लगाम लगाने के उद्देश्य से कड़े कदम उठाए हैं।
नई नीति के तहत धार्मिक स्थलों और उनके आसपास शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, उप दुकानों की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है, जिससे अवैध रूप से शराब की बिक्री पर रोक लगाई जा सके।
सरकार ने शराब की एमआरपी से अधिक कीमत पर बिक्री करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इस तरह की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित दुकान का लाइसेंस तत्काल रद्द कर दिया जाएगा। वहीं, डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी एमआरपी की दर से ही शराब बेचने की व्यवस्था लागू होगी। इसके साथ ही मेट्रो की बिक्री पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।।
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए वाइनरी संचालकों को 15 वर्षों तक शुल्क मुक्त किया गया है। इसके साथ ही, केवल स्थायी व मूल निवासियों को ही FL-2 लाइसेंस की सुविधा दी जाएगी।
शराब दुकानों का आवंटन दो वर्षों के लिए होगा और रिन्युअल न होने की स्थिति में लॉटरी सिस्टम के जरिए दुकानें आवंटित की जाएंगी। सरकार के इन सख्त कदमों से शराब के नाम पर लूटखसोट पर लगाम लगने की उम्मीद है।
प्रदेशवासियों को लंबे समय से नई आबकारी नीति का इंतजार था, जिसे अब मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही लागू किया जाएगा।
