देहरादून, राज्य का आबकारी महकमा एक बार फिर बड़े गुल खिलाता हुआ दिखाई दे रहा है जहां शासन के द्वारा जनपदों के फुटकर मदिरा दुकानों के अवशेष कोटे को गुण दोष के आधार पर आयुक्तालय से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही फुटकर मदिरा दुकानों के लाइसेंस धारकों को अवशेष कोटे की निकासी जनपद स्तर से दी जाए ,लेकिन यहां तो शासन के आदेश और आबकारी मुख्यालय की रिपोर्ट के कोई मायने ही नही है ,सूत्रों के अनुसार तमाम जनपदों के जिला आबकारी अधिकारियो के द्वारा आयुक्तालय की रिपोर्ट के बिना ही तमाम जिलों में बिना गुण दोष के ही निकासी दी जा रही है जो खुद सवालों के घेरे में है।। आपको बता दें कि वर्तमान वर्ष का अवशेष कोटा व मासिक राजस्व कई दुकानों का बकाया होने के बावजूद भी पिछले वर्ष का कोटा लाइसेंस धारकों को दिया जा रहा है।।जिससे सरकारी खजाने पर सीधा असर पड़ रहा है।। दरअसल आबकारी मुख्यालय से इतर ही जिला आबकारी अधिकारियों का महकमा चलता है जहां ना आबकारी मुख्यालय कोई मायने रखता है और ना ही शासन कोई सरोकार।। जिला आबकारी अधिकारी अपने अनुसार ही सिस्टम को तोड़ मरोड़ रहे हैं जिससे सरकारी खजाना प्रभावित हो रहा है राज्य सरकार जहां लगातार राजस्व को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश देते दिखाई देते हैं तो वही अधिकारी उन आदेशों को भी ठेंगा दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।।