अंकिता भंडारी हत्याकांड में सरकार की सटीक नीति का दिखा असर, फैसले की घड़ी आई नजदीक, कल कोटद्वार न्यायालय में सुनाया जाएगा निर्णय….

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देहरादून/कोटद्वार: उत्तराखंड को झकझोर देने वाले चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार फैसले की घड़ी आ गई है। पूरे प्रदेश की निगाहें कल, 30 मई को कोटद्वार न्यायालय पर टिकी हैं, जहां इस बहुचर्चित मामले का फैसला सुनाया जाएगा। इस हत्याकांड ने न केवल समाज को झकझोरा था, बल्कि प्रशासन और सरकार को भी सख्त कदम उठाने को मजबूर कर दिया था।

अंकिता भंडारी, जो एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत थी, की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। यह मामला 2022 में सामने आया था, जब उसकी लापता होने की खबर आई और बाद में उसका शव एक नहर से बरामद किया गया। इस घटना के सामने आते ही पूरे उत्तराखंड में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी और जनता ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

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इस मामले में सरकार की भूमिका शुरुआत से ही बेहद सक्रिय रही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई के निर्देश दिए। सबसे पहले, आरोपियों की जमानत तक न होने देने का निर्देश दिया गया। सरकार ने इस बात का भी विशेष ध्यान रखा कि जांच में कोई कोताही न हो, और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

अंकिता के परिजनों की मांग पर महिला पुलिस अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया। इस SIT ने अत्यंत सघन और निष्पक्ष जांच करते हुए मामले के तमाम पहलुओं की गहन पड़ताल की। जांच में यह बात सामने आई कि अंकिता पर अवैध दबाव बनाया जा रहा था और जब उसने इसका विरोध किया, तो उसे मौत के घाट उतार दिया गया।सरकार की सख्त पहरवी और SIT की त्वरित कार्रवाई के कारण इस मामले में चार्जशीट भी समय पर दाखिल कर दी गई थी। इसके बाद लगातार कोर्ट में सुनवाई होती रही, और कम समय के भीतर ही न्याय की उम्मीदों के साथ फैसला आने जा रहा है। इस फैसले को लेकर न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश की निगाहें कोटद्वार कोर्ट पर हैं। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने को सरकार ने अपनी प्राथमिकता में रखा और इसमें कोई भी ढील नहीं बरती।

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अब जब न्यायालय का निर्णय बस एक दिन दूर है, अंकिता भंडारी के परिजन, समाज के जागरूक वर्ग और तमाम नागरिक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि इस हत्याकांड में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी और न्याय प्रणाली पर लोगों का भरोसा और मजबूत होगा।

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अंकिता भंडारी की मौत केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं थी, यह एक पूरे समाज की चेतना को झकझोर देने वाला अपराध था। अब सभी को कल का इंतजार है, जब न्यायालय का फैसला आने के बाद शायद अंकिता की आत्मा को शांति मिले और पीड़ित परिवार को एक संतोषजनक न्याय मिल सके।