राज्य में मध्य सत्र में आबकारी विभाग में तबादले या करवाई इस बात को लेकर शासन से लेकर विभागीय गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि आखिरकार एकाएक तबादले होना किसी बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है या विशेष लोगो की नाराजगी की मुलाजिम भेंट चढ़ गए।। विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार हरिद्वार में आबकारी विभाग के द्वारा 52 पेटी बगैर होलोग्राम लगी हुई शराब बरामद हुई थी जिसके बाद हरिद्वार के अधिकारियों के द्वारा दुकान पर कार्रवाई करते हुए उसे बंद कर दिया था वहीं राजधानी देहरादून में भी 20 नवंबर को छापेमारी के दौरान 110 पेटी विदेशी अवैध शराब बरामद करते हुए चार लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी मामले में करवाई यह कहकर की गई है कि उक्त प्रकरण में शिथिलता पाए जाने पर विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।। अब भला माफियाओं पर कार्रवाई पर भी अधिकारियों की पदों से विदाई हो रही है जो कई प्रकार के सवाल भी खड़े कर रही है।। वही मध्य सत्र में हो रहे तबादले भी चर्चाओं का विषय बने हुए हैं दरअसल राज्य की तबादला नीति में ही साफ प्रावधान किए गए हैं कि मध्य सत्र में नियम 27 के तहत ही तब बदले हो सकेंगे लेकिन आबकारी विभाग में मध्य सत्र में हो रहे तबादले भी संदेह के घेरे में है।
आबकारी आयुक्त हरीश चंद सेमवाल की बड़ी कार्यवाही,
अपने कार्यों में लापरवाही बरतने पर की गई कार्यवाही,
बिना होलोग्राम की शराब बेचने पर की गई कार्यवाही,
जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार को 72 घंटे में कारण बताओ नोटिस दिया गया,
आबकारी क्षेत्र निरीक्षक संजय सिंह रावत मुख्यालय संबद्ध किया गया,
देवेंद्र गिरी गोस्वामी सहायक आबकारी आयुक्त गढ़वाल मंडल के निलंबन की संस्तुति शासन को भेजी गई,
राजीव सिंह चौहान जिला आबकारी अधिकारी देहरादून को पद से हटाए हुए आबकारी आयुक्त कार्यालय अटैच किया गया,
सरोज पाल आबकारी निरीक्षक को निलबित किया गया,