देहरादून। उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियां आज भी अवैध कब्जे और अतिक्रमण की चपेट में हैं, जिसे लेकर वक्फ बोर्ड ने अब सख्त रुख अपनाने का मन बना लिया है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने स्पष्ट किया है कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करेंगे और वक्फ संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराने की दिशा में ठोस कार्रवाई की मांग करेंगे।
शम्स ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अवैध अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है, चाहे वह शहरी इलाकों में हो या पर्वतीय क्षेत्रों में। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर हुए अवैध कब्जों को भी उसी सख्ती से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियां सार्वजनिक उपयोग के लिए होती हैं और उनका संरक्षण सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है।
वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश भर में वक्फ की ऐसी कई संपत्तियां हैं जिन पर वर्षों से अवैध कब्जा है। कहीं दुकानों पर कब्जा है तो कहीं रिहायशी मकान बनाए गए हैं। कई स्थानों पर तो वक्फ बोर्ड की जमीनों पर व्यावसायिक गतिविधियां भी संचालित हो रही हैं, जिससे बोर्ड को आर्थिक नुकसान हो रहा है,
उन्होंने यह भी बताया कि वक्फ बोर्ड अब सभी जिलों में अपनी संपत्तियों की सूची तैयार करवा रहा है और उनकी भौतिक स्थिति की समीक्षा की जा रही है। जिन संपत्तियों पर अवैध कब्जा पाया जाएगा, उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
शम्स ने सरकार से अपेक्षा जताई है कि जैसे अन्य विभागों की जमीनों को कब्जा मुक्त कराने में प्रशासन तत्परता दिखा रहा है, वैसे ही वक्फ बोर्ड की जमीनों के मामले में भी तेजी से कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बोर्ड खुद भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने को तैयार है, लेकिन इसके लिए प्रशासनिक सहयोग अनिवार्य है।
उल्लेखनीय है कि वक्फ संपत्तियां आमतौर पर धार्मिक, शैक्षणिक और जनसेवा से जुड़ी होती हैं और इनका उपयोग समाज की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। यदि इन पर अवैध कब्जा होता है तो यह केवल संपत्ति का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और धर्मनिष्ठा का भी हनन होता है।
वक्फ बोर्ड की इस पहल को समुदाय के हित में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में कितनी जल्दी संज्ञान लेकर प्रभावी कार्रवाई करती है।
