ज्ञानेन्द्र कुमार अग्रवाल ने थाना कोटद्वार पर मामला दर्ज कराया कि कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी प्रदीप सिंह बनकर फर्जी दस्तावेज बनाकर वादी के साथ लगभग रू0 45 लाख रुपये की ठगी की गयी। मामले ने पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर बनाम प्रदीप सिंह आदि पंजीकृत किया गया। एसएसपी श्वेता चौबे द्वारा आम जनमानस के साथ हो रही धोखाधड़ी की घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुये आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी कर घटना का का खुलासा किया ।। घटना के खुलासा करने लिए कोतवाली कोटद्वार पुलिस एवं CIU टीम का गठन किया गया। गठित टीम की प्रतिदिन की कार्यवाही की समीक्षा एसएसपी द्वारा स्वयं की जा रही थी। विवेचना उपनिरीक्षक संजय रावत के सुपुर्द की गयी। दौराने विवेचनात्मक कार्यवाही ठोस अभिलेखीय/दस्तावेजी एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य संकलित किये गये। विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान प्रकाश में आया कि अभियुक्त गण (1) अमित नेगी उर्फ गोल्डी (2) राहुल सिहं पुत्र सुरेन्द्र सिहं (3) विनोद उर्फ अनिल पुत्र गगन सिंह (4) किरण पाल सिहं पुत्र रघुराज सिंह (5) तलविन्दर सिहं उर्फ गोल्डी पुत्र भूपेन्द्र सिंह (6) जावेद पुत्र फहमिद हुसैन (7) प्रदीप चमोली उर्फ भड्डू एंव (8) सीता देवी पत्नी विनोद उर्फ अनिल निवासी शिवपुर कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल के द्वारा वादी ज्ञानेन्द्र कुमार अग्रवाल से आपराधिक षड़यत्र कर लाखों रुपये की ठगी की गयी। घटना कारित करने वाले अभियुक्त गण की गिरफ्तारी हेतु गठित पुलिस टीमों द्वारा इनके सम्भावित स्थानों पर दबिश दी गई, अभियोग पंजीकृत होने के पश्चात अभियुक्तगण गिरफ्तारी से बचने हेतु लगातार फरार चल रहे थे। पुलिस टीम द्वारा अथक प्रयास एवं पतारसी सुरागरसी कर सर्विलान्स टीम की मदद से अभियुक्त (I) अमित नेगी उर्फ गोल्डी, (II) राहुल सिहं पुत्र सुरेन्द्र सिंह एवं (III) विनोद उर्फ अनिल को कालका जी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु जनपद पुलिस प्रयासरत है।
अभियुक्त अमित नेगी ने पूछताछ में बताया कि मैंने अपने साथी तलविन्दर उर्फ गोल्डी के साथ वादी से जमीन खरीदने का प्लान बनाया गया। जिसके लिये हमने अनिल उर्फ विनोद को वादी (ज्ञानेन्द्र कुमार अग्रवाल) के साथ जमीन खरीदने के लिए सम्पर्क करने हेतु बताया गया। वादी जमीन खरीदने के लिए तैयार होने के पश्चात जावेद एंव प्रदीप चमोली उर्फ भड्डू द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार किये गये। बैनामे के दिन अभियुक्त गणों द्वारा किरण पाल राणा का फर्जी आधार कार्ड से प्रदीप सिंह विक्रेता के रुप में एंव राहुल सिहं को फर्जी गवाह बनाकर बैनामा करवाया गया।
आरोपियों द्वारा शहर में खाली पड़ी भूमि के असली स्वामी की जानकारी लेकर उस जमीन की फर्द निकालकर सस्ते दामों में बेचने का लालच देकर फर्जी दस्तावेज बनाकर असल में प्रयोग कर शहर के भोले भाले लोगों के साथ आपराधिक षड़यत्रं कर धोखाधड़ी करने का काम करते थे।
