पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड से संबध उत्तराखंड शिक्षक कर्मचारियों के 22 संगठनों ने आज पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने तथा नवीन पेंशन योजना के बहिष्कार करने हेतु हाथ पर काली पट्टी बांधकर संपूर्ण उत्तराखंड में काला दिवस के रूप में विरोध दर्ज कराया ।
वर्तमान में देश के सभी विभागों में 1 अक्टूबर 2005 के पश्चात कार्यरत अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों हेतु पुरानी जी पी एफ पेंशन योजना समाप्त कर सरकार द्वारा नवीन पेंशन योजना लागू कर दी गई । तत्समय सभी नव नियुक्त कार्मिकों को यह लगता था कि सरकार द्वारा लिया गया निर्णय नि: संदेह उनके पक्ष और उनके हित के लिए ही होगा ,किंतु जैसे जैसे 2005- 2006 और आज 2020- 21 का साल चल रहा है में किसी भी सरकारी कार्मिक द्वारा उसके वेतन से काटी गई धनराशि से एक किस्त तक नहीं निकाली गई है क्योंकि इस संबंध में आज भी कोई स्पष्ट नियम किसी भी अधिकारी, शिक्षक, कार्मिक को नहीं पता है उसके वेतन का काटा गया अंश सरकार द्वारा शेयर बाजार मे प्राइवेट सेक्टर को दिया गया है जिसमें प्राइवेट सेक्टर हमारा पैसा अपने फायदे के लिए लगा रहा है और उसका लाभ पा रहा है किंतु हम कार्मिकों को हमारी सेवानिवृत्ति पर यही पैसा न ही पूरा मिलेगा और न ही पेंशन की किस्त 25000 हजार तक होगी। मात्र 500 से 1500 तक पेंशन यह भी हमारे ही वेतन से काटी गई धनराशि से किस्त बनाकर हमें दी जाएगी इसमें किसी भी प्रकार की वृद्धि सरकार द्वारा नहीं की जाएगी। इस प्रकार समस्त कर्मचारी/ शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने कहा कि जहां एक ओर चुने हुए जनप्रतिनिधियों जैसे माननीय विधायक माननीय सांसद आदि को सरकार द्वारा पेंशन का लाभ दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर 30 से 35 वर्ष की सरकारी सेवा करने के पश्चात एक सरकारी कार्मिक को उसके वेतन से काटा गया पैसा भी पूर्ण रूप में नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारी सेवानिवृति के बाद अपना भरण-पोषण कैसे करेगा, उससे उसके बुढ़ापे का सहारा छीन लिया गया है। संगठन पेंशन बहाली मोर्चा के साथ मिलकर पुरानी पेंशन बहाली तक अपना आंदोलन जारी रखेगा।
आप सभी के सहयोग से उत्तराखंड राज्य में ही नहीं अपितु पूरे देश में पुराने पेंशन बहाल होगी, ऐसा हमारा विश्वास है।

पुरानी पेंशन बहाल हो पुरानी पेंशन बहाल हो यह हमारा अधिकार है अधिकार हैं पुरानी पेंशन बहाल हो शिक्षक एकता जिंदाबाद शिक्षक एकता जिंदाबाद इंकलाब जिंदाबाद इंकलाब जिंदाबाद