हरेला पर्व पर आबकारी विभाग का पर्यावरण को समर्पित अभियान, हर मंगलवार लगेगें 50 पौधे, आबकारी आयुक्त ने किए आदेश जारी….

ख़बर शेयर करें

देहरादून। उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान और पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक पर्व हरेला के उपलक्ष्य में इस वर्ष आबकारी विभाग ने एक सराहनीय पहल की है। “एक पेड़ दस पुत्र समान” की प्राचीन मुनियों की अवधारणा को आत्मसात करते हुए, आबकारी विभाग 1 जुलाई से 16 जुलाई 2025 तक वृक्षारोपण अभियान चलाएगा। इस दौरान प्रत्येक मंगलवार को जनपद स्तर पर जिला आबकारी अधिकारी के निर्देशन में समस्त आबकारी निरीक्षक व कर्मचारी मिलकर पौधारोपण करेंगे।

यह भी पढ़ें -  भ्रामक सर्वे रिपोर्ट से देहरादून की छवि पर प्रहार, महिला सुरक्षा में नजीर पेश कर रहे SSP अजय सिंह, देहरादून को बना रहे सुरक्षित शहर का मॉडल”...

अभियान के अंतर्गत हर मंगलवार को कम से कम 50 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। पौधारोपण का स्थान जिला आबकारी कार्यालय में यदि पर्याप्त स्थान उपलब्ध है तो वहीं या फिर निकटवर्ती उपयुक्त स्थल को चिन्हित कर किया जाएगा। यह पहल केवल पौधे लगाने तक सीमित नहीं होगी, बल्कि इन पौधों के संरक्षण और देखरेख की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी ताकि वे फल-फूल सकें और पर्यावरण को दीर्घकालीन लाभ मिल सके।

यह भी पढ़ें -  महिला सुरक्षा रिपोर्ट पर महिला आयोग का कड़ा रुख, निजी सर्वे से देहरादून की छवि धूमिल करना निंदनीय : कुसुम कण्डवाल

विभाग का मानना है कि मानसून के इस मौसम में पेड़-पौधे के जीवित रहने और अच्छे से बढ़ने की संभावना अधिक होती है, जिससे इस अभियान के सफल होने की उम्मीद काफी मजबूत है। हरेला पर्व के दिन यानी 16 जुलाई को विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें अधोहस्ताक्षरी अधिकारी की उपस्थिति में एक बड़े स्तर पर पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को उपयुक्त स्थानों के चिन्हांकन का निर्देश दे दिया गया है।

यह भी पढ़ें -  गढ़वाल से कुमाऊं तक अवैध शराब माफियाओं पर शिकंजा, आबकारी निरीक्षक प्रेरणा बिष्ट की सख्ती से माफियाओं में हड़कंप....

इस अभियान के माध्यम से आबकारी विभाग न केवल पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभा रहा है, बल्कि समाज के समक्ष एक सकारात्मक उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहा है। यह अभियान निसंदेह पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित होगा और जनमानस को हरियाली बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।