गैरसैंण से दिया गया वैश्विक शांति का संदेश, योग हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ: सीएम धामी

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हर घर योग, हर जन निरोग अभियान का शुभारंभ

भराड़ीसैंण बना अंतरराष्ट्रीय योग का केंद्र

8 देशों के राजनयिकों ने की सहभागिता

आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड ने पूरे विश्व को एक ऐतिहासिक संदेश दिया। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की शांत वादियों से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 देशों के राजदूतों के साथ योग कर “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भारतीय अवधारणा को साकार किया। योग, जो भारत की आत्मा है—आज वह गैरसैंण से पूरे विश्व में गूंज रहा है।

उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण आज न सिर्फ योग का केंद्र बनी, बल्कि भारतीय संस्कृति के एक वैश्विक दूत के रूप में उभरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब विदेशी राजदूतों के साथ योग किया, तो यह दृश्य पूरी दुनिया को यह संदेश दे रहा था कि योग भारत की नहीं, मानवता की धरोहर है।

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मुख्यमंत्री ने कहा — “योग हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ है।” उन्होंने इसे केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि “आंतरिक शांति और आत्मबोध का मार्ग” बताया। इस अवसर पर ‘हर घर योग, हर जन निरोग’ अभियान की शुरुआत और योग नीति पुस्तिका का अनावरण कर राज्य सरकार ने अपने संकल्प को दोहराया।

इस दौरान सीएम धामी ने घोषणा की कि “राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करेगी।” उन्होंने कहा हम राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में दो नए नगर बसाने जा रहे हैं, जो योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के केंद्र बनकर वैश्विक मानचित्र पर राज्य की विशेष पहचान स्थापित करेंगे। जिसमें सम्पूर्ण विश्व से वेलनेस के क्षेत्र में काम करने वाले बड़े ग्रुप्स, आध्यात्मिक गुरुओं, संस्थानों को यहाँ आमंत्रित किया जायेगा।

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मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस—इन आठ देशों के प्रतिनिधियों ने जब गैरसैंण की भूमि पर योग किया, तो यह केवल एक आयोजन नहीं रहा। यह दृश्य भारत की उस सोच का प्रतिबिंब था जो कहती है—“संपूर्ण विश्व एक परिवार है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग भारत की जीवनशैली है, जो अब पूरी दुनिया को स्वास्थ्य और संतुलन का मार्ग दिखा रही है। उन्होंने महान ऋषि पतंजलि को स्मरण करते हुए कहा कि योग आज दुनिया की आत्मा को छू रहा है।

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योग अब केवल साधना नहीं, बल्कि भारत की तरफ से विश्व को दिया गया ऐसा संदेश है, जो धर्म, जाति और सीमाओं से परे जाकर आत्मिक शांति का मार्ग दिखाता है। और इस शांति के दीप को आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैंण से प्रज्वलित किया है।

गैरसैंण से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरी दुनिया को योग, शांति और वैश्विक एकता का संदेश दिया। योग भारत की आत्मा है, और आज यह आत्मा उत्तराखण्ड की वादियों से पूरी मानवता के हृदय तक पहुंच रही है।