सरकार की ओर से किसानो को तोफा

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चमोली में झंगोरा और मंडुआ उत्पादक किसानो को अब अपनी फसल बेचने के लिए दर-दर भटकने की जरूरत नहीं है.. सरकार ने न केवल दोनो फसलों की खरीद के लिए समर्थन मूल्य का ऐलान किया है..बल्कि जिले में सहकारी समितियां किसानो की उपज को एक अक्टूर से खरीदना शुरू भी कर देंगी
चमोली जिले में किसानो ने गुणकारी मंडुआ और झंगोरे की खेती पर फिर जोर देना शुरू कर दिया है..दरअसल सरकार ने भी सूबे में मंडुवे और झंगोरे की फसल पर नजरें इनायत करनी शरू कर दी हैं.. किसानो की इन दोनो फसलों के लिए न केवल समर्थन मूल्य का ऐलान हुआ है बल्कि जिले में पांच खरीद केंद्र भी बनाए गए हैं..जिलाधिकारी स्वाति एस.भदौरिया ने इसकी पुष्टी की है। जिले में किसानो की इस फसल को अब सहकारी समितियां खरेंदेगी.. जहां किसान मंडुवे को दो हजार रुपए प्रतिकुंतल जबकि झंगोरे को 25 सौ रुपए कुंतल बेच सकेगा..हालांकि किसान झंगोरा और मंडुवे की फसल के तय समर्थन मूल्य को बढ़ाने की गुजारिश कर रहा है..कोदा और झंगोरा उत्पादक किसान मोहन सिंह कहते हैं..”समर्थन मूल्य में इजाफा होना चाहिए..ताकि किसान फसलों की खेती पर और जोर दे सके”
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों की मुख्य उपज की तौर पर होने वाली झंगोरा और मंडुवे को बेचने के लिए अब किसानों को दर-दर भटकने की जरूरत नहीं है.. किसान समितियां तय सरकारी समर्थन मूल्य मूल्य पर झंगोरा और मुड़वे को खरीदेंगी..हालाकि जरूरत है दोनो उत्पादनो के बाजार को बढ़ाने की ताकि मांग में तेजी आए और बिक्री बढ़ने से जहां किसान अपने उत्पादन में इजाफा कर सकें वहीं सरकार भी दोनो फसलों का समर्थन मूल्य आसानी से बढा पाए..और अन्नदाता की ख्वाहिश पूरी हो सके।

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