उत्तराखंड की सुलगती सियासत में AI का घी, पक्ष-विपक्ष में मचा सियासी घमासान

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उत्तराखंड में इस समय सियासी घमासान मचा हुआ है, सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर तीखा हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। कभी प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह भाजपा को लेकर विवादास्पद टिप्पणियां करते हैं तो कभी सत्तादल की ओर से भाजपा प्रदेश प्रवक्ता भी कांग्रेस पर पलटवार करने से नहीं चूकते। वहीं इस बार उत्तराखंड की सुलगती सियासत में भाजपा द्वारा पोस्ट किए गए AI वीडियो ने मानो आग में घी ही डाल दिया हो। दरअसल, हाल ही में भाजपा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक AI तकनीक के माध्यम से बना वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वीडियो के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति से जोड़कर दिखाया गया है,

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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन का कहना है कि कांग्रेस पार्टी आज नहीं बल्कि हमेशा से तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शासनकाल में मुस्लिम यूनिवर्सिटी, नमाज़ की छुट्टी जैसे मुद्दों को आगे बढ़ाया गया और इससे सनातन संस्कृति को कमजोर करने का प्रयास हुआ। वहीं प्रदेश भाजपा का कहना है कि मौजूदा सरकार उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण और अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जिससे कांग्रेस असहज महसूस कर रही है।

पक्ष-विपक्ष में मचा सियासी घमासान


उत्तराखंड की सियासत में एक बार फिर सोशल मीडिया से जुड़ा विवाद चर्चा में है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी एक AI वीडियो ने राजनीतिक हलकों में घमासान मचा दिया है। भाजपा द्वारा शेयर किए गए AI वीडियो के बैकग्राउंड में “मजार शरणम गच्छामि” और “मस्जिद शरणम गच्छामि” जैसे ऑडियो सुनाई देते हैं, अब जहां एक ओर भाजपा ने इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण राजनीति का उदाहरण बताया है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर पलटवार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस तरह के वीडियो देश की सामाजिक एकता और सद्भावना को तोड़ने की कोशिश करते हैं, उन्होंने आगे कहा कि वह देश के पहले उन व्यक्तियों में से एक हैं जिन्होंने बंगाल में बाबरी मस्जिद निर्माण के नाम पर विरोध दर्ज करवाया था।

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हरीश रावत ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा को बांटने के लिए लगातार नए-नए संगठन और मोर्चे खड़े कर रही है। उनका कहना है कि भाजपा का चुनावी एजेंडा सिर्फ हिंदू-मुस्लिम राजनीति तक सीमित है, ताकि बेरोजगारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था, महिलाओं पर अत्याचार, कुपोषण और पलायन जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। इतना ही नहीं हरीश रावत ने भाजपा पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के कुछ नेता कहते है कि “हे भगवन, मुसलमान हमारे ऊपर कृपा करते रहे क्योंकि उनकी कृपा से हम सत्ता में हैं”।