उत्तरकाशी आपदा के बीच भाजपा की राजनीति पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल, चाल चरित्र और चेहरा कैसे छुपाएगी बीजेपी : गरिमा

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उत्तरकाशी में आई भीषण आपदा ने पूरे प्रदेश को गमगीन कर दिया है। बादल फटने और भारी बारिश के कारण कई गांव मलबे में दब गए, सैकड़ों लोग प्रभावित हुए और जनहानि की खबरों ने माहौल को और भी शोकग्रस्त बना दिया। चारों ओर से मदद के हाथ बढ़ रहे हैं — देशभर से लोग राहत सामग्री, भोजन, और दवाइयां भेज रहे हैं। सामाजिक संगठन, एनजीओ और स्थानीय लोग दिन-रात प्रभावितों की मदद में जुटे हैं।

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इसी बीच, प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा पर विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने तीखा हमला बोला है। आरोप है कि जब राज्य के हजारों लोग आपदा से जूझ रहे हैं, तब भाजपा अपने राजनीतिक कुनबे को बढ़ाने में व्यस्त है। विपक्ष का कहना है कि आपदा के इस कठिन समय में सरकार और सत्ताधारी दल को केवल राहत और बचाव कार्यों पर ध्यान देना चाहिए, न कि राजनीतिक रणनीतियों पर।

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सोशल मीडिया पर भी कई यूज़र्स ने भाजपा के रवैये की आलोचना की है। एक यूज़र ने लिखा — “पूरा उत्तराखंड आपदा से त्रस्त है और भाजपा नेताओं को पार्टी विस्तार की चिंता है, यह बेहद शर्मनाक है।” कुछ लोगों ने इसे “चाल, चरित्र और चेहरे” का असली चेहरा बताते हुए कहा कि इस संवेदनहीनता को जनता याद रखेगी।

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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आपदा के समय सत्ताधारी दल के हर कदम पर जनता की नज़र रहती है और ऐसे वक्त में की गई कोई भी राजनीतिक गतिविधि नकारात्मक संदेश दे सकती है।

फिलहाल, उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन इस बीच भाजपा की प्राथमिकताओं को लेकर उठे सवाल राज्य की सियासत में एक नई बहस छेड़ सकते हैं।